मैं और मेरे दादाजी |
मेरे दादा
जी श्री जगमोहन कोकास मुझे बहुत मानते थे और बचपन से ही बहुत दुलार करते थे। दादा जी की
एक आदत थी कि वे रोज डायरी लिखते थे। औऱ एक डायरी के आखिरी पन्ने पर रोज कुछ बातें
लिखते थे पर जब भी उनसे पूछती थीं कि इसमें आप क्या लिखते थे तो यह कहकर बात बदल
देते थे अभी नहीं बेटी बाद में बतायेगे । कभी जब वो इधर उधर जाते तो मैं डायरी
उठाकर पढ़ने ही वाली होती थी तो वो आ जाते तो डायरी का वो आख़री पन्ना नहीं पढ़ने
देतें थे मेरे दिमाग में हमेशा बस एक बात आती थी कि आखिर इसके आख़री पन्ने पर ऐसा
क्या है जो दादा जी ने लिखकर रखा है पर वो बताते नहीं है । ये बात सन 2003 की है मैं 7 वी क्लास
पास करके 8 वी क्लास
पहुंच गई और वक्त अपनी गति से आगे बढ़ने लगा ।
मेरे
दादाजी की तबीयत खराब रहने लगी थी और वो 28 अगस्त 2003 का दिन
मेरे दादाजी को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया क्योंकि उन्हें गम्भीर निमोनिया हो
गया था डॉक्टर ने बहुत कोशिश की मगर वक़्त के आगे कुछ नहीं हो सका और मेरे दादाजी
हमें अकेला छोड़ कर इस दुनिया से चले गए । वे सिर्फ मेरे दादाजी नहीं थे वे मेरे एक
अच्छे मित्र , मेरे
हमदर्द , मेरे मार्गदर्शक और गुरु भी थे ।
दादा जी का जाने
मेरे लिए किसी सदमे से कम नहीं था, मैं
फूट-फूट कर रोई थीं , दादा जी
के साथ बिताया एक-एक पल मुझे बहुत याद आने लगा मेरे दादाजी का जीवन ,उनका स्वभाव
मिसाल से कम नहीं था !
एक दिन मैंने
यूंही डायरी उठाई और … पन्ने
पलटने लगी अचानक मेरी नजर डायरी के उस आखरी पन्ने पर पड़ी जिस पर उन्होंने खास मेरे
लिए ज़िन्दगी के लिए महत्वपूर्ण सीख लिखी थी ।
मैंने पढना शुरू किया -
- मेरे
दादाजी की डायरी एक पन्ने पर बुकमार्क का धागा लटका हुआ था मैंने उस धागे को
हटाया और पन्ना खोल दिया आख़िरी पन्ने पर लिखा था कोपल बेटे मेरे जाने के बाद
तुम इन बातों को ध्यान से पढना और इसे अपने जीवन में अपनाना…तुम ज़िन्दगी के
असल मायने समझ पाओगी और एक अच्छी सुशील संस्कारित लड़की बन जाओगी ये बाते
तुम्हे तुम्हारे जीवन में कदम - कदम पर काम आयेंगी —-
- दादा जी ने कहा था कि जो भी काम करो सोचकर करना वक्त की कीमत को पहचानों वक़्त पर काम करोगे तो अच्छा होगा और कभी किसी काम में पीछे नहीं रहोगे ।
- कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है सब काम करो और कड़ी मेहनत करो फिर सफल हो या असफल ।
- दादाजी ने कहा था कि बेटा जब लगें की किसी को आपकी जरूरत है तब बिना समय गवाएं उस व्यक्ति की मदद करो , छोटा बड़ा कोई भी हो मदद के लिए तत्पर रहो ।
- अपने काम और मीठी बोली से सबका मन जीतो । मीठी जुबान तुम्हें सबके दिलों की रानी बना सकता है ।
- दादा जी कहते थे की लोगों के बीच अपना काम ऐसा रखो की लोग आपका देखकर आपकी तारीफ करे ।
- लोगों से अपने परिचय का दायरा बढ़ाना चाहिए ।
- बेटा जीवन में हमेशा सच्चाई का साथ देना झूठ नहीं बोलना क्योंकि एक सच छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते है और जब सच्चाई सामने आती है तो बहुत बुरा लगता है ।
- जिंदगी में कभी कोई ऐसा काम नहीं करना जिससे तुम्हें या अपनों के सामने तुम्हे शर्मिंदा होना पड़े ।
- मुश्किलों और विपरीत परिस्थितियों में घबराना नहीं दादाजी ने लिखा था बेटा ज़िन्दगी है इसमें मुश्किलें तो आती रहेंगी कभी धूप कभी छाया यही है जीवन की माया । पर तुम जितनी भी मुशिकलें आये उनका डटकर सामना करना बिल्कुल घबराना नहीं ।
- कोई कितना भी दुख दे नाराज़ नहीं होना चाहिए ।
- अपने काम स्वंय करो किसी अन्य की रास्ता मत देखो की वो हमारा काम करेगा तो काम होगा । किसी को कष्ट मत दो ।
- दादा जी ने सिखाया बड़ो का कहना मानो वो जो कहे ध्यान से सुनो ।
- अपने विवेक से स्वयं निर्णय लेना सीखो लोगो की सुनो समझो और जो तुम्हें सही लगे की हाँ ये सही है वही करो ।
- कम से कम ख़र्च में गुजारा करना सीखो जरूरी नही है की हर एक चीज तुम्हारे पास हो जितना है उतने में संतोष रखो ।
- ज़माना कितना भी टेढ़ा हो तुम टेढ़े जमाने में भी सीधे बनकर रहना ।
- अपने से छोटो के लिए प्यार औऱ वात्सल्य का व्यवहार रखना ।
- अपने व्यवहार में प्रगतिशीलता रखना हमेशा ।
- सुविधाओं और भौतिक सुखों के पीछे न भागना ।
- रिश्तेदारों और मित्रों , पड़ोसियों से अच्छे सम्बन्ध बनाए रखना ।
- अपने स्वार्थ को त्याग कर परमार्थ के लिए जीना सीखो ।
- जितना है उतने मैं सन्तोष करो क्योंकि इस दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनके पास तुम्हारे पास जितनी चीज़ें हैं उतना भी नहीं है ।
- हमेशा समय के लिए पाबन्द रहो सभी काम ठीक समय पर करो किसी चीज के लिए इंतजार मत करो ।
- बुराई का नहीं अच्छाई के रास्ते पर चलो जो चीजें बुरी होती है बेटा वही अच्छी लगती है पर तुम बुराई का नहीं अच्छाई के मार्ग पर चलना ।
- जो होता है अच्छे के लिए होता है जिंदगी तुम्हें कई जगह ले जाएगी पर तुम्हें सोच समझकर अपना रास्ता चुनना है उस पर चलना है कई खट्टे मीठे अनुभव होंगे ये सब तुम्हें आगे बढ़ाने और इम्प्रूव करने का काम करेंगे । इसलिए निराश होकर नहीं खुश होकर रहो । ।
- अपने से छोटा किसी को मत समझो कोई अमीर है या गरीबी उसका मजाक मत उड़ाओ । वो जैसा भी है वो एक इंसान है वो गरीब है फटे कपड़े पहनता है उसका मजाक मत उड़ाना ।
- कोई अगर आपको कुछ बता रहा है समझा रहा है तो समझों और आपको कुछ पता है तो लोगों से बाटों क्योंकि हर व्यक्ति के पास ज्ञान का भंडार है । जहाँ लगें बोलना है वहां वक़्ता बनकर बोलो जहां कोई बोल रहा है श्रोता बनकर सुनो । जहां कुछ गलत होता दिखे तो चुप ना रहो गलत के लिए आवाज उठाओ ।
- अगर तुमसे कोई गलती हो गई है वो तुमसे नाराज है तो अपनी गलती स्वीकारो और माफी मांगो नारजगी और गुस्से को लम्बा मत खीचना ।
- छायादार वृक्ष बनो जीवन में हमेशा फल फूल छाया देने वाला पेड़ बनो अपने अपनो के लिए सोचों उन्हें साथ लेकर चलो , छाया मतलब उनका साथ दो , फल मतलब अपना काम और व्यवहार ऐसा रखो की लोगों खुशी के फल दे ।
- हमेशा यकीन रखो कि सुरंग के अंत में प्रकाश होगा। परिस्थितियों को control करने के लिए जो कर सकते हो करो, लेकिन अंत में जो भी नतीजा आये उसे स्वीकार करो, क्योंकि वे तुम्हारे हाथ में नहीं होते…जो भी हुआ है उसे ऐसे ही होना था!
- बहुत बार तुम्हे लगता है कि ज़िन्दगी बहुत कठिन है लेकिन ये सरल हो सकती है सोचोगे के ये काम कठिन है तो वो तुम्हें सरल नहीं लग सकता है तुम्हे एक साथ बहुत सारी चीजें नहीं करनी हैं…तुम ज़िन्दगी में जो कुछ भी डालोगे वो तुम्हे इंटरेस्ट के साथ उसे लौटा देगी। खुशियों चीजों में नहीं होतीं वो तुम्हारे भीतर होती हैं। छोटी छोटी चीजों से खुशियां ढूढों ।
- औरों के लिए खुद को बदलो नहीं सिर्फ इसलिए अपने आप को मत बदलो क्योंकि तुम जैसे हो उस रूप में लोग तुम्हे अपनाते नहीं। तुम ख़ास हो अपनी अपनी विशिष्टता को खोना मत। हेमशा वही बोलो जो तुम सचमुच दिमाग से सोचते हो, भले इससे हर कोई वास्ता ना रखता हो। जब तुम खुद से सच्चे रहते हो तब तुम इस दुनिया को सुन्दर बनाते हो- वो सुन्दरता जो पहले नहीं थी
- हम रोज कुछ नया सीखते हैं जो हमें किसी न किसी रूप मे बदल देता है… और हमें एक दिन एहसास होता है कि हम वाकई में बदल गए हैं। ये बिलकुल natural है इसलिए कभी इसके लिए अफ़सोस मत करना। बदलाव प्रकृति का नियम है।
- खुशियाँ चुनो, पैसे नहीं हर एक निर्णय में पहले खुशियों को देखो बाद में बैंक बैलेंस। इस तरह, जब तुम बूढ़े होगे तो तुम चीजों की असल कीमत जानोगे उनकी मॉनिटरी वैल्यू नहीं। तब तुम समझोगे कि ज़िन्दगी की सबसे कीमती चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें पैसा नहीं खरीद सकता। पैसा है तो सबकुछ पर अगर इंसान जीवित है तो कमाकर पैसा भी आ जाएगा इसलिए इंसान और खुशियों को महत्व दो
- तुम खुश नहीं हो, तो ये परिस्थितयों की वजह से नहीं है, बल्कि तुम्हारे खुश ना रहने के निर्णय की वजह से है।
- जब ज़िन्दगी के रास्तो में मुश्किल आये तो बड़ी सी मुस्कान दो, उस मौजूदगी स्वीकार करो और हँसते हुए उसे पार करो। खुश रहने का निर्णय लो और चाहे जो हो जाए अपने निर्णय पर अडिग रहो.. यही खुश रहने का रहस्य है।
- जिन लोगों से तुम प्यार करते हो, उनपर पूरा ध्यान दो
- ज़िन्दगी में टकराने वाले सभी लोग अच्छे नहीं होते। कुछ मामलों में वे हमारी सफलता को व्यर्थ करते हैं। जब लगे कि वह व्यक्ति तुम्हारे लिए सही नहीं है तो मजबूरी में उससे चिपके मत रहो एक निर्णय लो और आगे बढ़ जाओ।
- अंत सुखद अंत नहीं होता ! रूकावटे लाइफ का हिस्सा हैं….ज़रूरी नहीं कि तुमने जो कुछ भी शुरू किया उसका एक सुखद अंत हो। इसलिए जब बहुत प्रयास करने पर भी सुखद अंत ना हो तो बेहतर होगा कि तुम एक नई शुरुआत करो। कभी भी पुराना सबकुछ छोड़ कर नया शुरू करने से डरो मत, चाहे तुम उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो।
- बेटा
जीवन में हमेशा खुश रहो और एक फल फूल और छाया देने वाला वृक्ष बनाना खूब नाम
कमाना हमारा अपनो का नाम रोशन करना जो भी करना पूरे मन से करना सबको साथ लेकर
चलना ।
तुम्हारे,
दादाजी
मित्रों सोचा ही नहीं था दादाजी का साथ छूट जाएगा दादाजी की बताई हुई
ये बातें मैं हमेशा याद रखती हूँ
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