तस्वीरों में ही तो कैद नही हो पाते है बचपन और खेल

           , कभी गिल्ली डंडा , कभी कंचे लूडो , सांप सीढ़ी तो कभी फुगडी जिनका कोई जिक्र बीएस करे आज हम पुरानी यादों में सैर करने चले जाते है कभी कुछ आज का बचपन तो बस या तो मोबाइल के अन्दुर छुपे हुए गेम्स में कैद या फिर दर्जनों भर किताब के कोर्स में आज के बच्चों से पूछो की कंचे क्या होते है उनका जवाब इतना ही मिलेगा हमें नहीं पता पर कौन सा वीडियो गेम ये बहुत अच्छे से पता है
बचपन के खेल खेलों में की बात ही निराली है एक वो दौर था जब बच्चे घर के बाहर ही खेलों को खेलते हुए दिखा करते थे कभी कब्बडी
               सच मानिये यह सब सिर्फ खेल या सिर्फ नाम नहींबल्कि एक एहसास हुआ करते है जिन्हें याद करते ही ये खेल हमें जो पल भर में हमें बचपन से मिला देता है. हम कहने लगते हैं कि वो दिन भी क्या दिन थेजब हम इन खेलों के मजे लिया करते थे.
            आज बचपन के वे खूबसूरत मस्ती वाले दिन पता नहीं कहाँ गुम हो गये है जिन्हें याद क्रो तो बचपन के दोस्त , खेल और यादें ताज़ा हो जाती है बचपन तो बचपन एक बार बीत गया बीएस यादों तस्वीरों और एहसासों में जीवित रह जाता है जब याद करो बचपन को कभी हंसते हुए कभी रोते हुए मन उन बचपन की गलियों में घूमने चला जाता है ऐसी ही पता नहीं अनगिनत यादों से सजा होता है
                                   ये सब बचपन की वो यादें हैंवो बातें है जो सभी के ज़ेहन में हैं और बचपन से जुड़ी इन्ही खूबसूरत यादों में शुमार हैवो बचपन के खेलबचपन के वो खूबसूरत खेलजिन्हे खेलते खेलते दिन कब बीत जाता था
कुछ पता नहीं चलता था 
 स्कूल से आकर जल्दबाजी में ही सही पर खाना खानाहोमवर्क करना और उसके बाद मोहल्ले के दोस्तों की टोली के साथ खेलने के लिए निकल जाना घर पर उधम मचाना सामान फैलाना घर का नक्शा बदलना और अगर खेलते वक्त कोई ज़रा सा भी डिस्टर्ब कर दे तो बस पूरा मूड ही बिगड़ जाया करता था।
            जी हांवो बचपन के खेल और बचपन का वो दौर कुछ ऐसा ही था जब ना केवल हमें खेल खेलना अच्छा लगता था बल्कि हमारा कोई भी दिन बिना खेल खेले पूरा नहीं हुआ करता था।
याद कीजिएकभी गली में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलनाकभी कैरम खेलते हुए खाने-पीने का मज़ा लेनातो कभी लूडो में एक-दूसरे की गोटी काटने पर ऐसी खुश होना जैसे जहां ही जीत लिया हो। बिजनेस में ढ़ेर सारे शहर खरीद कर करोड़पति बन जानातो कभी पकड़म पकड़ाई खेलते हुए ऊधम मचानाकभी अन्ताक्षरी खेलते हुए वक्त बितानाएक टांग पर चलते हुए एक-दूसरे को पकड़ने की कोशिश करना ये कुछ ऐसी बातें थी जिनके बिना बचपन पूरा ही नहीं हुआ करता था लेकिन अब ये सब बातें कहीं सिमट सी गईं है। खेलों की वो दुनिया मानो कही गुम ही हो गई है।
              अब ना तो गलियों में क्रिकेट का हल्ला होता है और ना ही पकड़म पकड़ाई का शोरलूडो और कैरम भी खेले तो जाते हैं लेकिन बस मोबाइल परबचपन के वो खूबसूरत खेल कही गुम से हो गए हैं।
आइये फिर घूमने चलते है बचपन के खेलों की अनोखी दुनिया में
सांप सीढ़ी

यह भारत का एक बहुत ही  लोकप्रिय खेल है. इस खेल को खेलने के लिए एक बोर्ड होता हैजिस पर 1 से 100 तक की गिनती लिखी होती है. साथ ही जगह-जगह सांप बैठे होते हैं और सीढ़ियां भी बनी होती हैं. इस खेल को पासे के माध्यम से खेला जाता है. पासा फेंकने पर जितने नम्बर आते हैं उतने कदम आगे बढ़ना होता है. इसमें जहां एक तरफ सीढ़ी मिलने पर सीधे ऊपर पहुंचने का मौका मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ सांप के कांटने पर सीधे नीचे आना होता है.
98वें नम्बर पर बैठा सांप लोगों को बहुत डंसता है और एकदम नीचे पहुंचा देता है. इस खेल को खेलने के लिए कम से कम दो लोग तो चाहिए ही होते हैं. जब 99 पर आते आते सांप काट देता था तोआंसू आ जाते थे और मुँह से निकलता था अरे ये क्या अब मैं नहीं जीतूंगा
डिब्बा आईस-पाईसयाद कीजिए कभी सुनी है ये आवाज़जो अभी के दौर के बच्चे हैं उन्होने तो ये शब्द शायद ही सुना हो लेकिन हम जब बच्चे रहे थे तब ये शब्द हमारे बहुत करीब था और हमसे अच्छी दोस्ती भी रखा करता था।
 अगर बॉल बैट का इंतजाम हो गया तो गली क्रिकेट का भी मजा ले लिया करते थे …
घोड़ा बादाम छाई -



जब रिसेस होती थी सब दौडकर मैदान में क्लास के बच्चों के साथ जगह बनाते और इस खेल को खेलते थे जिसमें जोर जोर से चिल्लाते थे घोड़ा बादाम छाई पीछे देखी मार खाई 
पिठ्ठू

इस खेल को खेलने के लिए सात चपटे पत्थर और एक गेंद की जरुरत होती है. इसमें पत्थरों को एक के ऊपर एक जमाया जाता है. इस खेल में दो टीमें भाग लेती हैं. एक टीम का खिलाड़ी पहले गेंद से पत्थरों को गिराता है और फिर उसकी  टीम के साथी को पिट्ठू गरम बोलते हुए उसे फिर से जमाना पड़ता है. इस बीच दूसरी टीम के ख़िलाड़ी गेंद को पीछे से मारते हैं. यदि वह गेंद पिट्ठू गरम बोलने से पहले लग गयी तो टीम बाहर.पिट्ठू दो टीमों के बीच खेला जाने वाला खेल है। यह लागोरीसतोलियासात पत्थरडिकोरीसतोदियालिंगोचाईझूडब्बा काली जैसे नामों से भी जाना जाता है। 
क्या चाहिए:
पिट्ठू खेलने के लिए चाहिए टेनिस या कॉस्को की रबर बॉल। छोटी बास्केटबॉल से भी खेल सकते हैं। बस ध्यान रहे कि यह बहुत भारी न होवरना चोट भी लग सकती है। इसके अलावा पिट्ठू टावर बनाने के लिए चाहिए संगमरमरलाल पत्थरपतली ईंटों जैसे छोटे-बड़े सात फ्लैट पत्थर। हर पत्थर का आकार दूसरे से कम होना चाहिएतभी एक के ऊपर एक रख कर टावर बना सकते हैं।

कर लें तैयारी:
पिट्ठू खेलने के लिए 10-15 मीटर की खुली जगह हो तो अच्छा है ताकि खिलाड़ी आसानी से दूरी बनाते हुए अपनी पारी खेल सकें। मैदान की आउटर बाउंड्री तय कर लें और बीचोबीच एक सर्कल बनाकर पिट्ठू का टावर बनाएं। इस सर्कल के पैरलल दोनों तरफ करीब 3 मीटर की दूरी पर छोटी लाइन खीचें। दो टीमें बनानी होंगीजिनमें कम-से-कम तीन खिलाड़ी हों। लेकिन जितने ज्यादा खिलाड़ी होंगेखेलने में उतना ही मजा आएगा।

गिल्ली डंडा

ग्रामीण क्षेत्रों में गिल्ली डंडा सबसे लोकप्रिय खेल है. इस खेल को खेलते समय अगर थोड़ी सी भी चूक हो जाये तो किसी की आंख को नुकसान हो सकता है. इस लिहाज से इस खेल को एक खतरनाक खेल भी माना जाता है. इस खेल में गिल्ली एक स्पिंडल के आकार की होती है और साथ में होता है एक छोटा सा डंडा. गिल्ली के एक सिरे को डंडे से मारा जाता और गिल्ली को जहां तक हो सकेफेंका जाता है. जो जितनी दूर तक फेंक सकेउसी के आधार पर स्कोर का निर्णय होता है. इस खेल के अपने-अपने स्थानीय नियम होते हैं.
छुपन-छुपाई


छुपन-छुपाई बच्चों का एक लोकप्रिय खेल है. इसे हाइड एंड सीक भी कहा जाता है. इस खेल में एक व्यक्ति को कुछ दूर तक जाकर 100 तक गिनती गिननी होती हैताकि इस समय में खेलने वाले खिलाड़ियों को छिपने का समय मिल सके. गिनती पूरी करने के बाद सभी खिलाड़ियों को एक-एक करके ढूंढ़ना होता है और जो सबसे पहले पकड़ा जाता हैउसे फिर इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
कंचा

कंचा एक परम्परागत खेल है.  इसे आज भी गाँव की गली मौहल्ले में बच्चे आसानी से खेलते हुए मिल जाते हैं. इस खेल मेंकुछ मार्बल्स की गोलियां बच्चों के पास होती हैं. इसमें एक गोली से दूसरी गोली को निशाना लगाना होता है और निशाना लग गया तो वह गोली आपकी हो जाती है. इसके अलावा एक गड्ढा बनाकर उसमें कुछ दूरी से कंचे फेंके जाते हैं. जिसके कंचे सबसे ज्यादा गिनती में गड्ढे में जाते हैं वह जीतता है.
पोसंपा

आज भी ये खेल बहुत याद है मैं भी अपनी सहेलियों के संग खेला करती थी पोसंपा भई पोसंपालाल किले में क्या हुआसौ रूपए की घड़ी चुराईअब तो जेल में जाना पड़ेगाजेल की रोटी खानी पडे़गी. इस गीत से आपको कुछ याद आता है… मुझे स्कूल के वो दिन याद आते हैंजिसमें हम स्कूल जाते ही बैग को क्लास में रखकर भागते थे पोसंपा खेलने. इसमें दो बच्चे अपने हाथों को जोड़कर एक गेट बना लेते थे और इस गेट से सब साथियों को बाहर निकलना पड़ता था
यहां एक गीत गाया जाता थापोसंपा भई पोसंपाऔर तभी इस गेटको बंद कर दिया जाता थायदि कोई इस गेट में रह गया और गाना खत्म हो गयातो उसे आउट माना जाता था. और फिर सब उसे मार मार के भागते थे
चोर-सिपाही

यह खेल बड़ा मजेदार होता है. इसमें दो टीमें खेलती हैं. एक पुलिस की भूमिका में होती है और दूसरी चोर की भूमिका में. यह खेल बिलकुल सच वाले चोर पुलिस की तरह होता है. इसमें पुलिस चोरों की तलाश में रहती है. एक-एक जब वह सभी को पकड़ने में सफल हो जाती हैतो गेम पलट जाता है मतलब चोर अब सिपाही बन जाते हैं और सिपाही चोर बन जाते हैं. क्लासरुम का फ्री आवर हो या घर पर दोस्तों की मंडली जमा हो..राजा-रानी-चोर-सिपाही का खेल खेलना तो जरुरी हो जाता था। इसका मजा आज शायद ही किसी खेल में आता हो।

रंग बिरंगे कंचे

रंग बिरंगे कंचे जमा करने का शौक तो बचपन में सभी का रहा होगा इकठ्ठे करना और फिर दोस्तों को दिखाना यह सभी को भुत पसंद था
आंख-मिचौली

यह बहुत मजेदार गेम होता है. इसमें एक प्रतिभागी की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है और उसे दूसरे को पकड़ना होता है. पकड़े जाने पर दूसरे खिलाड़ी को इसी प्रक्रिया से गुजरना होता है. इस गेम को एक और तरीके से खेला जाता है. इस दूसरे तरीके में एक खिलाड़ी की आंखों को बंद कर दिया जाता है और बाकी खिलाड़ी उसके सिर पर एक-एक करके थपकी मारते हैं. सबसे पहले थपकी मारने वाले की पहचान हो जाने पर उसे आंखे बंद करनी होती है. मजे की बात तो यह है कि इस खेल में कितने भी लोग खेल सकते हैं.
चुटपुटिया


 लाल रंग की स्टीकर की तरह दिखने वाली गोलियां जिसे दीवार पर रगड़कर फोड़ा करते थे और दिवाली की कसर पूरी करते थे। पटाखों की कमी को कभी-कभी इस तरह से भी पूरी करने की कला तो आपको भी याद होगी।
















आज लगता है की काश उन खेलो को जब खेला करते थे दोस्तों के साथ तब कोई तस्वीर क्यों नही खींची तब बचपन में गुम जो थे सोचते ही नही थे ये खेल प्यारा सा बचपन यूं गुम हो जाएगा



तस्वीरों में कहाँ समाएगा
बचपन तो तस्वीरों से बड़ा है
यादों के खजानों में कैद हो जाएगा
वक्त निकल गया उन खेलों से खेलते खेलते
 बचपन था बीत गया अब फिर कहां से आएगा 

थोड़ा औऱ थोड़ा और होता तो कितना अच्छा होता


किसी भी इंसान को अगर शांति चाहिए तो इसके लिए उसकी मांग होगी की वह हमेशा खुद से संतुष्ट रहे. जीवन में संतुष्ट होना किसी बड़े सुख से कम नहीं है की बस जो हैं उतना ही काफी है और अपेक्षा करेंगे तो मुश्किल होगी. अगर आपको अपनी ज़िंदगी में सुख शांति चाहिए तो आपको अपनी ज़िन्दगी से और ज़िन्दगी की चीजों से संतुष्ट होना ही पड़ेगा. किसी चीज से संतुष्टि होना ज़िन्दगी को बहुत आसान बना देती है व्यक्ति किसी चीज में सन्तुष्ट नहीं रहता है उसे हर मोड़ पर मुश्किलें उठानी पड़ती है वह किसी चीज में सन्तुष्ट नहीं रहता है सन्तुष्टि होना बहुत जरूरी है जीवन को आसानी से जीने के लिए । जैसे कोई व्यक्ति नौकरी से संतुष्ट नहीं है और अच्छी नौकरी होती तो कितना अच्छा होता , इतने में कैसे होगा ऐसे ना जाने कितने तर्क होते हैं एक व्यक्ति के सन्तुष्टि के लिए ।
मैं संतुष्ट हूँ !

Quote : वह समृद्ध है जो सन्तुष्ट है ।

Quote 1: अगर हमेशा आपको सुखी रहना है तो आपको हमेशा अपने वर्तमान पर ध्यान देना होगा.
Paulo Coelho

 Quote 2 :बहुत लोगों के पास ज्यादा है लेकिन किसी के पास पर्याप्त नहीं है ।

Quote 3: वह जो थोड़े में कभी संतुष्ट नहीं होता, वह अधिक होने पर भी कभी संतुष्ट नहीं हो पायेगा.
Epicurus

Quote 4 : सन्तोष का वृक्ष कड़वा फल है लेकिन इस पर लगने वाला फल मीठा होता है ।

Quote 5 : पूरी संतुष्टि पाने के दो तरीके है. पहला यह की अधिक से अधिक जमा करते रहो. दूसरा यह की कम की इच्छा रखो.
G.K. Chesterton

Quote 6 : लोग यह सोचते है की वे उससे खुश है जो उनके पास है पर वे हकीकत में उससे संतुष्ट नहीं होते.
Amit Kalantri

 Quote 7 : वह जो थोड़े से संतुष्ट नहीं होता वह किसी से नहीं होता ।

Quote 8 : कभी कभी कुछ होने न होने से दुःख नहीं होता बल्कि जो कुछ किया हो उससे सन्तुष्टि न मिलने पर होता है ।

Quote 9 : अगर आप हमेशा पर्याप्त को देखते रहोगे तो आप कभी भी संतुष्ट नहीं रह पाओगे.
Leo Tolstoy

 Quote 10 : पर्याप्त पाने के दो तरीके हैं पहला की अधिक से अधिक जमा करना दूसरा है कि कम की इच्छा करो ।

Quote 11 : गोल्ड मेडल एक अद्भुत चीज है पर अगर आप उस पदक के बिना संतुष्ट नहीं है तो इसे पाने के बाद भी आप संतुष्ट नहीं हो पाओगे.
Cool Runnings

Quote 12 : बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो उन चीजो के लिए परेशान नहीं रहता जो उसके पास नहीं है बल्कि उन चीजो के लिए खुश रहता है जो उसके पास है.
Epictetus

Quote 13 : अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने सके अच्छा है माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये हमेशा अपने गुस्से पर काबू रखें ।

Quote 14 : संतुष्ट तो केवल समुद्र है.
Thomas Fuller

Quote 15 :सन्तोष मन के घोड़ों पर मानसिक लगाम है ।

Quote 16 : जो जानता है की उसके पास पर्याप्त है, उसके पास हमेशा पर्याप्त ही रहेगा.
Lao-Tzu

Quote 17 : मैं हर अच्छी चीज से संतुष्ट हो जाता हूँ.
Winston Churchill

Quote 18 : लोगो के पास बहुत ज्यादा है लेकिन किसी के पास भी पर्याप्त नहीं है.
Danish Proverb

Quote 19: आप मुझे किसी संतुष्ट व्यक्ति को दिखाए तो मैं आपको असफल व्यक्ति दिखाऊंगा.
Thomas A. Edison

Quote 20: अपने जीवन को पूरी तरह से संतुष्टि के साथ देखना दोबारा जीवन जीने के समान है.
Lord Acton

Quote 21: जीवन में आपको कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगी क्योंकि संतुष्टि एक भ्रम है केवल एक चीज है वीरता ।
Amit Kalantri

Quote 22: मेरे पास पैसे नहीं है लेकिन मेरे पास कुछ ऐसी चीज है जो पैसा भी नहीं खरीद सकता वह है संतुष्टि. मेरे पास जो भी थोड़ा सा है मैं उससे संतुष्ट हूँ.
Saru Singhal

Quote 23: जो आपके पास नहीं है उसकी इच्छा करके, आपके पास जो है उसे बर्बाद मत करिये.
Ann Brashares

Quote 24: जो हमें पसंद है अगर वह हमारे पास नहीं है तो उसे पसंद कीजिये जो आपके पास है.
French Proverb

Quote 25: आलस्य आकर्षण वाला होता है लेकिन काम हमेशा संतुष्टि देता है.
Anne Frank

Quote 26: वह आपको नहीं मिलता जो आप चाहते है, आपको वह मिलता है जो आपको मिल सकता है.
Bangambiki Habyarimana

Quote 27: कुछ हार कुछ जीत से अधिक संतोष देने वाली होती है.
Chandrapal Khasiya


















छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा

छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा
आज मैं आपको  छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा बनाने की विधि रही हूँ इ फरा को घर में बचे पके हुए चावल (भात) से बनाया जाता है। मैंने यह छत्तीसगढ़ी फरा अहिवारा के स्कूल के एक कार्यक्रम में खाया था मुझे यह बहुत पसंद आया इसलिए सोचा इसे डिश को सबके साथ शेयर किया जाएं यह डिश बनाना आसान है
हमारा छत्तीसगढ़ धन का कटोरा है। यहाँ चावल की कई तरहप्रजाति उगाई जाती है। उसी तरह यहाँ चावल को कई तरह की डिश बनाकर खायी जाती है।

फरा दो तरह से बनाया जाता है गाँवों में जब गन्ने की परोई होती है तब ताजे रस को गर्म करने रखा जाता है चावल के आते को गर्म पानी से गूंथकर हथेली से पतली बाटी की तरह बनाकर रखते है उबलते रस में फर को डालकर पकाते है पक जाए तब इलायची डालते है गन्ने का रस ना हो गुड के घोले से फरा बनाते है यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है ।
दूसरा प्रकार का फरा नूनहा फरा बनाते समय आटे में नमक डालकर गूंथते है फिर हथेली से छोटी छोटी लोई बर बर कर फरा बनाया जाता है भगोने में पानी उबालने के लिए रखा जाता है उस पर चलनी रखते है उबल जाने पर चलनी में फर रखकर ढंक देते है दस मिनट बाफ फरा भाप में पक जाता है एक कड़ाही में तेल डालकर सरसों और मिर्च की बघार लगाकर फरा पर दाल देते है और फरा खाने के लिए तैयार हो जाता है ।
  फरा बनाने के लिए सामग्री 
1. उबला चावल (भात) - 1 कटोरी
2. चावल का आटा - 2 कटोरी
3. खड़ा तिल - 2 चम्मच
4. खड़ा लाल मिर्च - 1-2 कलियाँ
5. मीठी पत्ती - थोडा सा
6.हरी मिर्च -4
8.धनिया पत्ती - 1/2 छोटी कटोरी कटी हुई
10.राई - 1/2 छोटा चम्मच
11. करी पत्ता - 8 से 10
12. नमक - स्वादानुसार
13. तेल - तलने के लिए
फरा बनाने की विधि 

1. सबसे पहले भात और चावल आटे को पानी मिलाकर गूंध ले। 


2.अब इस गूंधे हुए आटे की छोटी छोटी लोई लेकर उसे पतली बत्ती की तरह बना ले। 


3. अब एक कढ़ाई में तेल गरम करे।


4. उसमे तिल, करी पत्ता और मिर्ची डालकर तड़का लगाए।
  
5. अब उसमे पानी (आवश्यकतानुसार उतना पानी डाले जितने में फरा डूब जाये) डाल दे। 
बनाये हुए फरे को उसमे डाल कर ढँक दे।


6. जब पानी सूखने लगे तो इसे हलके से चलाये ताकि ये चिपके नहीं।







हमारे संविधान की महत्वपूर्ण जानकारियाँ

         
हमारा यह अधिकार है की सभी अपने संविधान के बारे में जानकारी ग्रहण करे की हमारा एक संविधान है पर यह कब बना कब से संविधान लागू हुआ किसने बनाया यह सब ही बातें जानना बहुत जरूरी है
          किसी देश का संविधान उस देश की पहचान होता है. संविधान एक ऐसा रास्ता होता है जिसपर चलकर एक देश सुख समृद्धि और विकास की तरफ बढ़ता है. हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता की लम्बी लड़ाई के बाद आजाद हुआ था. उस समय तक हमारे देश पर अंग्रेजो का अधिकार था और जैसा वो चाहते थे वैसा ही हमारा देश बढ़ रहा था.
         देश आजाद होने के बाद हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों और राजनेताओ ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए संविधान बनाने का निर्णय लिया. डॉ राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में डॉ भीमराव आंबेडकर और अन्य महान विचारकों ने आज ही के दिन 26 नवम्बर 1949 को पूरे 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद पूरा संविधान लिख दिया. आइये जाने हम अपने संविधान सभा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ -

  • भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में किया था
  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारतीय संविधान एक सम्प्रुभतासम्पन्न', समाजवादीधर्मनिरपेक्षलोकतांत्रिकगणराज्य है।
  • भारतीय संविधान के प्रस्तावना के अनुसार भारत संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन योजना के प्रावधानों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों का विधान सभाओं ने नवम्बर १९४६ में किया था
  • संविधान सभा में कुल ३८९ सदस्य थे जिनमें २९२ प्रान्तों से और ९३ देशी रियासतों से चुने जाने थे , 4 कमिश्नरी क्षेत्रों से थे हर प्रांत और देसही रियासत को अपनी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आबंटित किए गए थे स्थूल रूप से 10 लाख की जनसंख्या के लिए एक स्थान का अनुपात रखा गया था प्रत्येक प्रांत के स्थानों की जनसंख्या के अनुपात में तीन मुख्य  सम्प्रदायों में बाँटा गया था
  • भारतीय संविधान पूरा हस्त लिखित है इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था.
  • भारतीय संविधान को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और इन पन्नों को सजाने का काम शांतिनिकेतन के कलाकारों ने किया था.
  • संविधान की ओरिजनल प्रतियाँ आज भी भारत के संसद में है. जहाँ इसे हीलियम के अंदर डाल कर लाइब्रेरी में रखा हुआ है.
  • जब से हमारा संविधान बना है तब से लेकर अब तक संविधान में सिर्फ 92 संविधान संशोधन हुए है जो हमारे संविधान की मजबूती को दर्शाता है.
  •  भारतीय संविधान में कई चीजे दूसरे देशो से ली गई है जिनमे रूसअमेरिका, आयरलैंड, कनाडा और फ्रांस शामिल है.
  • संविधान के अनुसार – हमारे देश का अपना कोई धर्म नहीं है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
  • प्रांतीय विधान सभा में हर समुदाय के सदस्यों ने एकल संक्रामकणीय पध्दति से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया
  • ·         एक उद्देशिका,
  • ·         465 धाराओं से युक्त 25 भाग,
  • ·         12 अनुसूचियाँ,
  • ·         5 अनुलग्नक (appendices), तथा
  • ·         101 संशोधन
  • (अब तक 122 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाये गये है जिनमे से 101 संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुके है। 8 अगस्त 2016 को संसद ने वस्तु और सेवा कर (GST) पारित कर 101वा संविधान संशोधन किया।) 
  • देशी रियासतों से चयन की पध्दति परामर्श से तय की जानी थ
  • 3 जून १९४७ की योजना के अधीन पाकिस्तान के लिए अलग संविधान सभा गठित की गयी
  • विभाजन के परिणामस्वरूप जो संविधान सभा पूर्व में अविभाजित भारत के लिए संगठित की गई थी , उसमें कुछ सदस्य हम हो गए 3 जून १९४७ की योजना के अधीन विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के पृथक संविधान सभा गठित की गई बंगाल , पंजाब ,आंद्र पशिमोतर सीमा प्रांत (NWFP और असम के सिलहट जिले के प्रतिनिधित्व भारत की संविधान सभा के सदस्य नही रहे पश्चिम बंगाल और पूर्वी पंजाब के प्रान्तों में नए निर्वाचन किए गए 31 अक्टूबर १९४७ को सभा की सदस्यता घटकर २९९ रह गई इन सदस्यों में से 26 नवम्बर १९४९ को कुल २८४ सदस्य उपस्थित थे जिन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर किए
  • संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर १९४६ को हुई थी
  • पहली बैठक की अध्यक्षता डॉ . सच्चिदानन्द सिन्हा ने की थी और मुस्लिम लीग ने इसका बहिस्कार किया था
  • 11 दिसम्बर १९४६ को डॉ . राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया
  • श्री.बी.एन राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया
  • 13 दिसम्बर १९४६ को जवाहर लाल नेहरु ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का कार्य करना प्रारम्भ किया यह प्रस्ताव संविधान सभा द्वारा 22 जनवरी १९४७ को पारित किया गया
  • संविधान बनाने के लिए विभिन्न समितियां जैसे प्रक्रिया समिति , वार्ता समिति , संचालन समिति , कार्य समिति , झंडा समिति , संविधान समिति  को बनाया
  • विभिन्न समितियों में से प्रमुख प्रारूप समिति जो 19 अगस्त १९४७ को गठित की गई थी के अध्यक्ष डॉ , बी .आर अम्बेडकर को बनाया गया इस समिति के और भी सदस्य थे एन .गोपाल स्वामी आयंगर ,अल्ल्ल्दी कृष्णा स्वामी अय्यर , मोहम्मद सादुल्ला के .एन.मुंशी , बी .एल ,मित्तर और दी.पी खेतान कुछ समय बाद बी.एल मित्तर की जगह पर एन.माधव राव को और डी.पी खेतान की मृत्यु १९४८ में हो जाने के बाद टी.टी कृष्णामाचारी को इस समिति में जोड़ लिया गया
  • संविधान  सभा की बैठक तृतीय वहन के लिए 14 नवम्बर १९४९ को हुई यह बैठक 26 नवम्बर १९४९ को समाप्त हुई
  • 26 नवम्बर १९४९ को ही अंतिम पारित संविधान पर स्भाप्री और उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर हुए इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया
  • नागरिकता ,निर्वाचन और अंतिरम संसद से सम्बन्धित १९४९ से ही तुरंत प्रभावी किया गया
  • सम्पूर्ण संविधान 26 जनवरी १९५० को लागू किया गया 26 जनवरी १९५० को भारत को गणतन्त्र घोषित किया गया इसलिए यही दिन प्रथम गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया गया डॉ राजेन्द् प्रसाद को भारत का पहला राष्टपति नियुक्त किया गया संविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय संसद के रूप में मान्यता प्रदान ली गई
  • संविधान सभा को कुछ विद्वान सम्प्रभु नहीं मानते क्योंकि इसका निर्माण ब्रिटिश सरकार की योजनानुसार हुआ था
  • संविधान निर्माण के पीछे मुख्य रूप से जवाहरलाल नेहरु , सरदार वल्लभ भाई पटेल , राजेन्द्र प्रसाद , मौलाना अब्दुल कलाम आजाद , आचार्य जे.बी कृष्णामचारी और डॉ .बी आर . आंबेडकर का मस्तिष्क था कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को संविधान का पिता कहा है
  • भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है 
  •  भारतीय संविधान द्वारा देश के नागरिको को 6 मौलिक अधिकार दिए गये है.
  • संविधान के अनुसार – भारत रत्न, पद्म भूषण और कीति चक्र पुरस्कार गणतंत्र दिवस के दिन ही वितरित किये जाते है.

                                                      


qutoes on youth



युवावस्था जीवन की सबसे बड़ी और शक्तिशाली अवस्था है इस अवस्था में एक व्यक्ति  कैरियर का चुनाव  करते है नौकरी करते है फिर विवाह करके गुह्स्थ जीवन की शुरुआत करते है नए नए अनुभव लेते है जीवन के लिए , जोश , शक्ति , लड़ने की क्षमता ये सब यूथ में होता है



व्यक्ति  जंग  का  ऐलान  करते  हैं . लेकिन  वो  तो  नौजवान  हैं  जिन्हें  लड़ना  और  मरना  होता  है .
हर्बर्ट  हुवर
यौवन  खुशहाल  है  क्योंकि  उसके  अन्दर  खूबसूरती  देखने  की  क्षमता  है .  जो  कोई  भी  खूबसूरती  देखने  की  क्षमता  रखता  है  वह कभी  बूढा  नहीं  होता .
फ्रेंज कैफ्का
यौवन  युवाओं  पर  बर्वाद  हो  जाता  है .
ऑस्कर वाइल्ड
खुशाल  बचपन   जीने  के  लिए  कभी  बहुत  देर  नहीं  हुई  होती  है .
टॉम रॉबिन्स
जवान  होने  में  बहुत  समय  लगता  है .
पैब्लो पिकासो
एक  फिट  , स्वस्थ्य  शरीर यही  सबसे  अच्छा   फैशन  स्टेटमेंट  है .
 जेस सी. स्कोट
यौवन  एक  सपना  है , एक  तरह  का   रासायनिक  पागलपन .
ऍफ़. स्कोट फित्ज्गेरैल्ड
आप  केवल  एक  बार  युवा  होते  हैं  , पर  आप  अनिश्चित  काल  के  लिए  अपरिपक्व  रह  सकते  हैं .
ओगडेन नैश  
सच  कहना  बहुत  कठिन  होता  है , और  युवा  बहुत  कम  ही  इसकी  क्षमता  रखते  हैं .
लियो टॉलस्टॉय
अपनी  जवानी  का  आनंद  लो . तुम  इस  क्षण  जितने   युवा  हो  उतने  फिर  कभी  नहीं  होगे .चैड सग
युवा  रहने  का  राज   है  कभी  अनउपयुक्त  भावना  मत  रखो .
ऑस्कर वाइल्ड
In Hindi:  मैं  उस  एकांत  में  रहता  हूँ  जो  युवावस्था  में  तकलीफ  देह  है  , लेकिन  परिपक्वता  के  दिनों  में  स्वादिष्ट .
ऐल्बर्ट आइंस्टीन
किसी  युवा  को  भ्रष्ट  करने  का  पक्का   तरीका  है  की  उसे  ये  सिखाओ  की  वो  अपने  से  अलग  सोचने  वालों  की  तुलना  में  खुद  उसके  जैसी  सोच  रखने  वालों  का  अधिक  सम्मान  करे .
फ्रेडरिक नित्ज
जार्ज  वाशिंगटन  एक  लड़के  के  रूप  में  युवाओं  की  आम  उपलब्धियों  से  अनभिज्ञ  थे . वो  झूठ  भी  नहीं  बोल  सकते  थे .
मार्क ट्वेन
अक्सर  परिपक्क्वता  जवानी  से  अधिक  बेतुकी  होती  है  और  बहुत  बार  युवाओं  के  साथ  सबसे  अधिक  अन्यायपूर्ण  भी  .
थॉमस    . एडिसन 
आयु सोचती है, जवानी करती है.
 रबिन्द्रनाथ टैगोर 
एक  आरामदायक  बुढापा  अच्छी  तरह  से  बितायी  गयी  जवानी  का  इनाम  होता  है .
मौरिस  चेवालिएर
जवानी  की  कोई  उम्र  नहीं  होती .
पाब्लो  पिकासो 
युवाओं  को  नौकरी  खोजने  वाला  की  जगह  नौकरी  पैदा  करने  वाला   बनाने  की  आवश्यकता  है .                                      अब्दुल  कलाम

हम  जवानी  में  सीखते  हैं , हम  बुढापे  में  समझते  हैं .
मारी  वोन  एबनर -एस्चेंबैक
बढती  उम्र  के  साथ  जवानी  का  नशा  हमेशा  हल्का  नहीं  पड़ता ; कभी -कभी  ये  और  गाढ़ा  हो  जाता  है .
  कार्ल जंग
जवानी एक  भूल  है , मर्दानगी  एक  संघर्ष है , बुढ़ापा  एक  अफ़सोस  है .
 बेंजामिन डिजरेली
यौवन  प्रकृति  का  उपहार  है , लेकिन  उम्र  कला  की  एक कृति है .
स्तानिस्लाव   लेस
युवा  समृद्धि  के  संरक्षक  हैं .
बेंजामिन  डिस्रेलि
बूढ़ा  होना  जवानी  का  खोना  नहीं  बल्कि  नए  अवसर  और  ताकत  का  मंच  है .

आतुरता  युवाओं  की  है , बुद्धिमानी  वृद्धों  की
                                                                                                      मार्कस टुलीयस  सिसरो
युवावस्था  अमीर  होने  के  लिए  सबसे  अच्छा  समय  है  , और  गरीब  होने  के  लिए  भी .
यूरीपाईड्स
लेखक  को  अपनी  पीढ़ी  के  युवाओं  के  लिए  , अगली  पीढ़ी  के  आलोचकों  के  लिए  , और  उससे  भी  बाद  की  पीढ़ी  के  अध्यापकों  के  लिए लिखना  चाहिए .
ऍफ़ . स्कॉट  फिट्जगेराल्ड

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.
चाणक्य
युवाओं  का  कर्तव्य  है  भ्रष्टाचार  को  ललकारना .
कर्ट कोबैन
युवावस्था  में  डाली  गयी  अच्छी  आदतें  सारा  अंतर  ला  देती  हैं .
अरस्तु
दुनिए की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है.
चाणक्य
युवा  आसानी  से  धोखा  खा  जाता  हैं  क्योंकि  वह उम्मीद करने  में बहुत तेज  होता   हैं .
 अरस्तु
लज्जा युवाओं के लिए एक आभूषण, लेकिन बुढ़ापे के लिए एक तिरस्कार है.
अरस्तु
मैं  भविष्य  जानने  के  लिए  युवाओं  को  पढ़ाने  जाता  हूँ .
रॉबर्ट फ्रॉस्ट
चालिस  यौवन  का  बुढ़ापा  है  , पचास  बुढ़ापे  का  यौवन  है .
विक्टर ह्यूगो
युवावस्था  एक  अधूत  चीज  है . इसे  बच्चों  पर  बर्वाद  करना  कितना  बड़ा  अपराध  है
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ
अपने  जवानी  के  सपनो  के  साथ  सच्चे बने  रहे .
फ्रेडरिक स्किलर
In Hindi: जवानी वह है जब आपको नव वर्ष के मौके पर आधी रात तक जागने दिया जाता है . अधेढ़ावस्था वह  है जब आपको इसके लिए मजबूर किया जाता है .
बिल वोन
जो  कोई  भी  अपनी  जवानी  में  सीखने  पर  ध्यान  नहीं  देता  , अपना  अतीत  खो  देता  है  और  भविष्य  के  लिए  मर  चुका  होता  है .
                                                                                                                      यूरीपाईड्स
जवानी  खुशियों  का  वादा  करती  है  लेकिन  ज़िन्दगी  ग़मों  की  असलियत सामने ला देती  है.
                                                                              निकोलस  स्पार्क्स 
युवा  हमारे  भविष्य  की  आशा  हैं .
जोस  रिजाल
लगभग  हर  एक  चीज  जो  महान  है  युवाओं  द्वारा  की  गयी  है .
बेंजामिन  डिस्रेलि
शोहरत  जवानी  की  प्यास  है .
लार्ड  बायरन
यौवन  और  सुन्दरता  में  ज्ञान  होता  है  पर  बहुत  कम  ही  !
होमर
जवानी आती  है  लेकिन  ज़िन्दगी  में  एक  बार .
हेनरी  वाद्स्वर्थ लोंग्फेल्लो
मौत  हमें  नीद , कभी  ना  ख़त्म  होने  वाला  यौवन  और  अमरता  देती  है .
जीन  पॉल
बाल  रंगने  से  जवानी  वापस  नहीं    जाती .
अबू बकर
आप पैसों के बिना जवान हो सकते हैं लेकिन आप इसके बिना बूढ़े नहीं हो सकते.
  अरस्तु