गुपचुप हर किसी को पसंद आती ही है जिसे हर
प्रांत में बच्चे , बूढ़े ,जवान सभी बहुत चाव से खाना पसंद करते है गुपचुप इतनी
मजेदार चीज है एक बार गुप से खाई तो बस कर खाकर चुप हो जाते है यह एक ऐसी डिश है
जो हर व्यक्ति अपने निराले तरीके से खाना पसंद करता है जैसे किसी को तीखा पसंद आता
है , किसी को मीठा मतलब मीठी खटाई वाला तो किसी को तीखा और मीठा मिक्स करके गुपचुप
खाना अच्छा लगता है तो किसी को और ऊपर से धी के साथ मीठा तो कभी तीखा खाना अच्छा
लगता है जहाँ देखो वहां गुपचुप के ठेले मिल जायेंगे और ठेलो पर गुपचुप खाने वालों
की भीड़ अगर तीखा ज्यादा हो गया तो भैया एक पापड़ी देना और अगर तीखा कम है तो भैया
जरा तीखा कम है थोड़ा और तीखा करना तो ।
गुपचुप खाना कितना अच्छा लगता है गुपचुप
बस हाथ में प्लेट , दोना या कटोरा लेकर लाइन में खड़े होकर खाना शुरू पर इस गुपचुप
बनाने वाले को कितनी मेहनत करनी पड़ती है गुपचुप बनाने के लिए अगर ये हमारा चटकारा
है तो ये उन लोगों का व्यवसाय है जो सुबह से काम पर निकल जाते है और देर रात तक
मेहनत करके अपनी दिनभर की मेहनत की कमाई लेकर घर जाते है हम तो खाते है निकल जाते
है ऐसे ना जाने कितने लोग आते है और उनके हाथ से बनी खट्टी - मीठी गुपचुप का स्वाद
अपनी जुबान पर चढ़ाकर चले जाते है और वो फिर अगले दिन की थकान मिटाकर सुबह से फिर
काम पर निकल जाता है जिसकी मेहनत , मजदूरी , थकान येही उसकी जिन्दगी का स्वाद है
जिसका रोज वो स्वाद लेते है ।
हर प्रांत की बात अनोखी है तो इस गुपचुप के
नाम भी अनोखे है -
1 पूरे उतरीं भारत ,पंजाब गोलगप्पे के नाम से खाई जाती है गोलगप्पे मिक्स
आलू, चने से भरे जाते है चटनी और पानी खट्टे रहते है और पानी में बहुत सारी मिंट
और बहुत सारी मिर्च डाली जाती है उत्तरी भारत के गोलगप्पे गोल तो नही रहते है थोड़े
लम्बे रहते है ।
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गोलगप्पे |
2 महाराष्ट्र , गुजरात , तामिलनाडु , मध्यप्रदेश में इसे पानीपूरी बोला जाता है मध्यपद्रेश की
पानीपूरी में आलू मिक्स रहते है पर पानी में बूंदी नहीं रहती , गुजरात में उबले
मूंग , बारीक आलू रहते है और मीठे चटनी जो डेट्स और बूंदी की रहता है ।
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पानीपूरी |
3 गुजराती लोग इसे चपाती या फुल्का कहते है यह चुकी यह
फूली हुई रहती है इसलिए इसे गुजरात , मध्यप्रदेश में फुल्की कहा जाता है ।
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फुल्का , फुल्की |
4 हरियाणा में इसे पानी के पताशे कहा जाता है
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पानी के पताशे |
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5 छतीसगढ़ , दक्षिणी झारखंड , हेदराबाद ,ओडिशा में
गुपचुप बोला जाता है गुपचुप में उबले चने रहते है और पानी तीखा होता है ।
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गुपचुप |
6 वेस्ट बंगाल
, ,बांग्लादेश असाम में पुचका कहा जाता है पुचका में उबले चने और उबले आलू रहते है
चटनी मीठी रहती है पानी खट्टा रहता है पुचका साइज में बड़े रहते है पूरी गहरे रंग
की होती है ।
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पुचका |
7 होशंगाबाद , भोपाल में टिक्की के नाम से प्रसिध्द है टिक्की
वैसे आलू की टिक्की को बोला जाता है पर इन टेस्टी पुरिया आलू और मटर के साथ खट्टे
पानी में डुबोकर खाई जाती है ।
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टिक्की |
8 अलीगढ़ , उत्तरप्रदेश के लोग
पानी पुरी को पकाड़ा कहते है ।
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पकाड़ा |
9 पताशी नाम सुनकर यही लगेगा
मीठे बताशे पर पताशी एक और नाम है पानी पुरी का
पताशी राजस्थान
, उत्तरप्रदेश में ख़ास मसाले इसे इस्तेमाल किये जाते है लखनऊ में पाँच तरह के पानी
होते है जिसे पाँच स्वाद के बताशे कहा जाता है पताशी का पानी सूखे आम से बनाया
जाता है ।
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पताशी |
11 गुजरात में पकोड़ी के नाम खाया जाता है इसमें कही
कहीं पर सेव पर डालकर खाया जाता है गुजरात की पकोड़ी मीठी और प्याज का स्वाद होता
है और पानी में मिंट , और हरी मिर्च रहती है ।
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पकोड़ी |
2 टिप्पणियाँ:
रोचक जानकारी
धन्यवाद ओंकार जी
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