पाठकों क्या आप जानते है हमारी बुद्धि का परीक्षण किया जा सकता है


        जी हाँ मित्रों हमारी बुद्धि का परीक्षण भी किया जा सकता है हर व्यक्ति अलग - अलग है हर व्यक्ति की बुद्धि भी अलग है बुद्धि मापन में व्यक्ति की मानसिक योग्यता मापी जाती है बुद्धि इसलिए मापी जाती है ताकि परीक्षणों के माध्यम से यह पता लगाया जा सके एक व्यक्ति में कौन - कौन सी मानसिक योग्यताएं है हर व्यक्ति में उसके जन्म लेने के बाद से कुछ जन्मजात योग्यताएं होती है व्यक्ति की बुद्धि की परीक्षा में इन्ही योग्यताओं का अनुमान लगाया जाता है
बुद्धि और उसके परीक्षण का श्रेय व्यक्तिक भेद को दिया जाता है सन १७९६ में ग्रीनविच की एक ज्योतिष प्रयोगशाला में स्किनर बून नामक व्यक्ति सहायक पर्यवेक्षक थे वे दूरदर्शी यंत्रो की मदद से तारा ग्रहों की गति का अध्ययन करते थे पर उनकी गति बहुत धीमी थी जिसकी वजह उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया इस घटना के घटने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया की हर व्यक्ति की योग्यता और क्षमता अलग - अलग होती है इस तरह से वैयक्तिक समीकरण के विचार का विकास हुआ इस सम्बन्ध में आज विश्व के सभी देशो में कार्य हो रहा है आज अनेक प्रकार के मानक और परीक्षण विकसित किये गये है विशेष कार्य किये जा रहे है आज हमारे देश में सोहन लाल , जलोटा , चन्द्र मोहन , भाटिया ने बुद्धि परीक्षणों का विकास किया है
कितने तरह के मनोवैज्ञानि परीक्षण होते है जिनसे एक व्यक्ति की बुद्धि का परीक्षण किया जा सकता है

1 परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर
2 परीक्षण के प्रस्तुतिकरण के स्वरूप के आधार पर

1 परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर जो परीक्षण है वे दो तरह के होते है

. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण - एक निश्चित समय में एक व्यक्ति का बुध्दि परीक्षण करना , वैयक्तिक परीक्षा कहलाती है इस परीक्षण में ३८ प्रश्न होते है जो डेढ़ से साढ़े पाँच वर्ष के बच्चों के लिए होते है
. सामूहिक बुद्धि परीक्षण - प्रथम विश्व युद्ध में सेना की भर्ती के लिए सामूहिक परीक्षा का पयोग किया गया ताकि योग्यता के अनुरूप वहां के सैनिकों और अधिकारियों का चयन किया जा सके
 अमेरिका में आर्मी एल्फा परीक्षण , थार्नडाइक का CAVD और टरमैं मेकनेयर परीक्षण है भारत में जलोटा ने १९७२ में डॉ मोरे ने १९२१ डॉ . सी एच राईस ने हिन्दुस्तानी बिने कार्यात्मक परख , डॉ भाटिया ने कार्यात्मक परख पत्र तैयार किया

2 परीक्षण के प्रस्तुतिकरण के स्वरूप के आधार पर
. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण - इन परीक्षा में भाषा का प्रयोग नहीं होता एक समय में एक ही व्यक्ति की परीक्षा ली जाती है इस परीक्षा में व्यक्ति का व्यवहार और व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताओं का निरीक्षण किया जाता है इस परीक्षण के लिए निष्पादन परीक्षण , कोहलर का ब्लॉक डिजायन टेस्ट , आर्थर का निष्पादन परीक्षण और एलेक्जेंडर का पास एलोंग परीक्षण का यूज किया जाता है

. अशाब्दिक बुध्दि परीक्षण - इसमें भी भाषा का प्रयोग नही होता एक समय में बहुत से व्यक्तियों की परीक्षा ली जाती है इस परीक्षण में आर्मी बीटा परीक्षण , शिकागो अशाब्दिक परीक्षण भाग 1 , पिजन अशाब्दिक परीक्षण ए.आई.पी . 70 / 23 और रेवन प्रोग्रेसिव परीक्षण यूज किये जाते है


भारत में कुछ बुध्दि परीक्षण जो प्रसिध्द है -

भाटिया की कार्य परीक्षा बैटरी - इसे डॉ .सी.एम् भाटिया ने बने है इसमें पाँच परीक्षाएं है और हर एक की उप-परीक्षा है और हर उप परीक्षा के लिए समय निश्चित है
अलेक्जेंडर की पास ए लॉन्ग परीक्षा - इस परीक्षण में आठ डिजाइन होते है
चित्र निर्माण परीक्षण - इस परीक्षण में पाँच तस्वीरों के टुकड़े होते है इन टुकडो को जोडकर चित्र बनाया जाता है
तात्कालिक स्मृति परीक्षण - इसमें दो परीक्षण होते है एक साक्षरों के लिए दूसरा निरक्षरों के लिए
पैटर्न ड्राइंग परीक्षण - इसे डॉ भाटिया ने बनाया आठ कार्ड पर बनी आकृतियों ओ देखकर बिना पेन्सिल उठाये आकृतियों को बनाया जाता है

डॉ कामत की आयु मापन पुनरावृति बुद्धि परीक्षण
सी.आई.ई बुध्दि परीक्षण
जलोटा का सामूहिक परीक्षण
कुमारिया का सामूहिक परीक्षण
देसाई की सामूहिक परीक्षाएं
जोशी का सामूहिक परीक्षण
 एम् .जी प्रेमलता कृत परीक्षण
एन .त्रवेदी कृत परीक्षण
टी .आर .शर्मा कृत परीक्षण
डॉ सेन गुप्ता परीक्षण
कु. मंजू अग्रवाल परीक्षण
जी .पी शैरी परीक्षण
कृष्णा ब्याती का परीक्षण
आर के सारस्वत परीक्षण

डॉ .सी एन राव परीक्षण 

इन परीक्षणों से किसी भी व्यक्ति की बुध्दि का परीक्षण किया जा सकता है 

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