मित्रों जिन्दगी में एक शब्द ही है जो किसी
को भी करना अच्छा नहीं लगता है वह है इंतज़ार करना अपनी पूरी में जिन्दगी में
अनगिनत चीजों का इन्तजार करते है इन्तजार सबसे बड़ा दुश्मन है ये इन्तजार करना कभी
तो अच्छा बन जाता है कभी बुरा , ये इन्तजार हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है जो हमें समय
से आगे नहीं बढ़ने नहीं देता किसी भी चीज का इन्तजार करने में अपना समय गंवा देते
है और बाद में पछताते है की काश उस वक्त समय का उपयोग कर लिया होता पर इन्तजार तो
इन्जार है जो करता है वही जानता है की इस इन्तजार में मजा और सजा दोनों है इन्तजार
पर नही भरोसा नहीं करना चाहिए काम और मेहनत पर भरोसा करना चाहिए कभी - कभी धोखा दे
देता है ।
जब मैं दसवी कक्षा
में पढती थी तब हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में एक कविता थी सर्वेश्र दयाल सक्सेना
जी की 'इन्तजार' आज भी वो कविता मुझे बहुत अच्छी लगती है ।
इन्तजार शत्रु है
उस पर यकीन मत करो ।
वह जाने किन झाड़ियों
और पहाडियों में
घाट लगाये बैठा रहता है
और हम पत्तियों की चरमराहट पर कान लगाये बैठे रहते है
इन्तजार शत्रु है
उस पर यकीन मत करो
वह छापामार सैनिक की तरह
खुद अँधेरे में बैठा रहता है
और हमें उजाले में खड़ा देखता रहता है ,
मौके की तलाश में
और हम अँधेरे में टोर्च की रोशनी ही
फेंकते रहते है ।
वह हमें नदी बनाकर
हमारे बीच से ही
मछली की तरह अदेखा तैर जाता है
और हम लहरों के असंख्य हाथों से
उसे टटोलते रहते है ।
इन्तजार शत्रु है
उस पर यकीन मत करो ।
जो पाना है फौरन पा लो ,
जो करना है फौरन कर लो ।
सर्वेश्र
दयाल सक्सेना
ये कविता बहुत सही है की इन्तजार तो बस मौके की तलाश में
रहता है और सही वक्त आते ही हमारी में सफलता के आगे खड़ा होता है इन्तजार सबसे बड़ा
दुश्मन है बहुत से लोगों की बुरी आदत होती है मेहनत नहीं करना और बस इन्तजार करते
रहने का ऐसे ही लोग सफल नहीं हो पाते है और मुश्किल वक्त में हिम्मत हार जाते है
इन्तजार जो करे तो
समय फिर ना आयेगा
आज वक्त की कीमत है
कल तो काला अँधेरा है
आज सम्हल जाओ
पछतावा काम ना आएगा
शायद इसलिए कहा गया है
don't wait for the perfect moment
take the moment and
make it perfect .
इन्तजार ना करिए मेहनत करिए समय निकल जाने पर जो पछतावा
होता है वह बहुत दुःख देता है इन्तजार अच्छा जरुर है पर आश्रित होना नहीं कई बार
यह देखा सूना है की स्टूडेंट्स से अच्छा वक्त आएगा तो पढ़ाई कर लेंगे अच्छे वक्त के
इन्तजार में बहुत सा वक्त यूं ही बेकार कर देते है , वक्त आएगा तो ये काम कर लेंगे
, हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में हर चीज के लिए इन्तजार नाम के दुश्मन पर ही तो
आश्रित है । उस दुश्मन को जगह मत दीजिए वो तो आक्रमण करने के लिए खड़ा ही है सही वक्त
कोई संदेशा नहीं देगा की मैं आ रहूँ अब काम पर लग जाओ । हर काम के लिए रोज ही तो सही समय है तो इन्तजार क्यों करे ।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें