मैं बेटी नहीं हूँ मैं पूरा जीवन हूँ



 
     कितना अच्छा महसूस होता है कि मैं बेटी हूँ । बेटी होना अपने आप में एक अदभुत एहसास है अगर कल को मेरी बेटी जन्म लेती है तब उस एहसास में खुद बेटी होना मेरा आत्मविश्वास है । पर मैं बेटी हूँ अपने आंगन की ये मेरा विश्वास है ।

       हम बेटियां हैं हम में विश्वास है दो - दो परिवार को जोड़कर रखने का हमको एक मजबूत धागा बनना है क्योंकि जब एक एक धागे पर मोती को पिरोया जाता है तब जाकर एक माला बनती है औऱ हमें इतना मजबूत बनना चाहिए कि परिवार के हर सदस्य को हम जोड़कर एक जुटकर करके रख सके । बहुत से लोगों की मानसिकता है कि हमें बेटी नहीं चाहिए बेटा चाहिए मतलब बेटी का कोई अस्तित्व नहीं है बेटा बड़ा होगा तो बहू लाएगा ये नहीं सोचते कि अगर ऐसा ही सोचेंगे कि बहू लाना है तो उसे सांसे जीवन देने वाली भी तो बेटी एक माँ ही होगी । बेटी ही नहीं होगी तो बहू भी कौन देगा ।

   
      कुछ लोगों से सुना है बेटी बदनाम करती है दुख होता है सुनकर अरे बेटी बदनाम नहीं करती बल्कि वो तो सिर्फ अपने होने से पिता के नाम को रोशन कर देती है । माँ उसमें अपना बचपन देखती है पर याद रखिएगा मित्रों एक माँ स्वंय बेटी है इसलिए वो अपनी परछाईं बेटी में ही देख सकती है । बेटे होकर भी एक माँ को बेटी ना हो तो उसे जाकर एक बेटी जरूर गोद ले लेना चाहिए क्योंकि बेटा तो सिर्फ पिता के वंश को आगे बढ़ाता है पर बेटी पिता के वंश के साथ बेटी को जन्म देकर अपनी माँ के वंश को भी आगे बढ़ाती है । बेटी तो जीवन का सृजन है वो सबके जीवन का शृंगार करती है सिर्फ अपने होने से ।

 
    एक बेटी कितने सारे रिश्ते निभाती हैं देखा जाए तो हर रिश्ता सिर्फ इसलिए बनता है या होता है क्योंकि वो है । शायद इसलिए कहा जाता है कि बेटा तो है पर एक माँ बेटी के बिना फिर भी अधूरी है । बेटी जब घर में होती है तो उसका होना उसकी हंसी उसकी बातें , उसकी खिलखिलाहट , उसकी मस्ती बहुत अनमोल होती है । बेटी है तो कल  है वो नहीं तो जिंदगी है क्या फिर ।

     
    एक माँ तो हमें पूरा जीवन दे देती है । अगर आप बेटी है तो खुशी रहिए क्योंकि बेटी सिर्फ अपनी खुशी से ही घर को घर बना देती है औऱ अगर आप एक बेटी के माता पिता है तो उत्सव मनाइये क्योंकि बेटी आपके दुख सुख की सबसे बड़ी भागीदार होती है क्योंकि एक बेटी सबसे पहले आपको पूछेगी फिर दुनिया को । इसलिए कभी मत सोचिए कि बेटी का जन्म हुआ तो उसका गला घोंटकर हत्या कर दे उसकी ।

      बेटी है तो सब कुछ है वो नहीं तो फिर कुछ भी शेष नहीं है पता नहीं लोग ये बात कब समझेंगे क्योंकि आज भी बहुत सारी जगहें ऐसी है जहाँ बेटी के पैदा होते उसे या मार दिया जाता है या फिर अगर बच गई है तो उसके होने का मातम मनाते है औऱ बच्ची के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है । या फिर अपनी हवस को शांत करने के लिए उसकी अस्मिता के साथ खेला जाता है उस दरिंदे के घर में भी कभी बेटी हो सकती है , कभी दहेज के लिए उसे पीड़ित किया जाता है , कभी औऱ किसी वजह से । कब तक ना जाने ये खेल चलेगा औऱ कब तक बेटियों के साथ बुरा होता रहेगा ।

         मेरे लिए हर दिन बेटी दिवस है क्योंकि हर दिन मुझे एहसास जगाता है कि मैं अपने मम्मी डैडी की बिटिया हूँ और उनसे बहुत प्यार करती हूं ।
बेटियों को कभी भी अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार के लिए चुप नहीं रहना चाहिए बल्कि हमला करना चाहिए ।


सिर्फ इतना नहीं हूँ मैं ।।
मैं तो एक नहीं हूँ
सब कुछ हूँ मैं ।।
सिर्फ आज नहीं
आना वाला कल भी हूँ मैं ।।
कहते हैं लोग बेटी है तो कल है
बेटी नहीं तो एक पल नहीं हूँ मैं ।।
अपने पापा का सहारा
अपनी मम्मी का आईना हूँ मैं ।।
बचपना अब भी मेरा वैसा ही है
क्योंकि उसी में जीवित हूँ मैं ।।
सिर्फ इतना नहीं हूँ मैं ।।
ससुराल की लाड़ली भी हूँ
पर बेटी और सिर्फ बेटी हूँ मैं ।।
जब तक जीवित है मम्मी पापा
सिर्फ तब तक ही बेटी हूँ मैं ।।



 मुझे प्यारी प्यारी बच्चियां बहुत पसंद है । पसंद तो बेटे भी है पर प्यारी सी एक नन्ही कली हूँ इसलिए ज्यादा बेटियों का होना मुझे पसंद है ।

बेटी दिवस की शुभकामनाएं