हमारा घर बारह साल का हो गया

     
       आज हमारे घर की बारहवीं सालगिरह है देखते देखते इतना वक़्त बीत गया । एक इमारत बनने से लेकर यहां इस घर में रमने जमने में । ऐसा लगता है जैसे यह कल की बात है हम इस घर में रहने आये हैं । याद आते हैं वे सभी दिन जब यह मकान बन रहा है इसमें लगी सभी लोगों की मेहनत , समय रोज देखने की इच्छा अब यह हो गया यह बाकी है । धीरे धीरे 2 साल में यह मकान बनकर तैयार हो गया और 2 दिसम्बर 2007 को हमने इस घर में प्रवेश किया । उसके बाद से यही रहने लगे ।
एक छोटे से घर बड़े घर में रहने के सुख की आदत होने लगी । 2007 के बाद से इस घर की बहुत सारी सालगिरह आयी जो खास ही थी पर जबसे हमारी शादी हुई उसके बाद से यह पहली बार है जो अनिल इस दिन पर हमारे साथ है और आज का यह दिन बेहद खास है ।