चोरी ना करे ना करे ,झूठ ना बोले तो क्या करे


                   समस्यात्मक बालक उस बालक को कहते है जिसके व्यवहार में कोई ऐसी असामान्य बात होती है जिसके कारण वह समस्या बन जाता है जैसे चोरी करना , झूठ बोलना , क्रोध करना , आक्रमणकारीई व्यवहार करना , विधालय से भाग जाना भयभीत रहेने वाले कक्षा में देर से आने वाले

                   वेलेटाइन ने कहा है समस्यात्मक बालको शब्द का प्रयोग उन बालक के लिए किया जाता है जिनका व्य्वहार किसी गम्भीर बात में गम्भीर रूप से असमान्य होता है


चोरी करने वाले बालक के लिए उपचार
चोरी करने वाले बालक 

  • बालक को समझाना चाहिए की किसी वस्तु को इस तरह चुराना अच्छी बात नहीं है
  • जिस व्यक्ति की उसने वस्तु चुराई है उसने कितनी मेहनत से ली होगी बालक को मेहनत का महत्व मजदूरी का महत्व सिखाये
  • उसे बताये किए अगर वह चोरी करेगा तो विद्यालय में महनेत नही कर पायेगा फिर वह एक अच्छा व्यक्ति नही बन पायेगा
  • बालक पर चोरी का दोष नहीं लगाना चाहिए
  • बालक में खुद पर कैसे काबू रखे की आदत बनानी चाहिए
  • बालक को सही और गलत काम का अंतर बताना चाहिए
  • माता पिता को कभी बालक की अवहेलना नहीं करना चाहिए
  • बालक की सभी उचित जरूरतों को पूरा करना चाहिए
  • बालक को विद्यालय में उपयोग करने के लिए पैसे देना चाहिए
  • उसे खेलकूद व् एनी कार्यो में साहस दिखाने का अवसर देना चाहिए
  • बालक को एनी व्यक्ति के अधिकारों को सम्मान करने की शिक्षा देना चाहिए
  • बालक को पैसो ,वस्तु ,लोगो की जरुरतों का , इच्छाओं का मूल्य समझाना चाहिए
  • सच बोलने वाले बालक की हमेशा तारीफ़ करना चाहिए
  • उसे समझाये की चोरी करने से समाज ,दोस्त,घर के लोग उसे पसंद नहीं करेंगे उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेगे
  • बालक यदि समाज में माता पिता को अपमानित करने के लिए चोरी करता है तो उन्हें बड़ों का आदर करना सिखाये
  • बालक अपनी लालच के कारण यदि चोरियां करता है उसे सिखाना चाहिए लालच से उसका ही बुरा होगा  





झूठ बोलने वाले बालक के लिए उपचार
झूठ बोलने वाली बच्ची 
  • बालक को बताना चाहिए किए झूठ बोलने से फायदा नहीं नुकसान होता है
  • बालक में नैतिक साहस की भावना लाने का प्रयास करना चाहिए
  • बालक में सोच विचार कर बोलने की आदत का निर्माण करना चाहिए
  • बालक से बात न करके उसकी अवहेलना करके , उसके प्रति उदासीन रहकर उसे अप्रत्यक्ष दंड देना चाहिए
  • बालक को ऐसी ऐसी दोस्तों की संगति और वातावरण में रखना चाहिए जन्हा उसे झूद बोलने के अवसर ना मिले
  • बालक से उसने जो अपराध किया है अपराध स्वीकार करने की आदत डालनी चाहिए और दोबारा झूद ना बोलने का संकल्प लेना चाहिए
  • बालक की आत्म सम्मान की भावना को इतना मजबूत बनाना चाहिए की वह जब कभी झूठ बोले तो उसे अपना अपमान सहन न कर पाए
  • कई बार बालक किसी विशेष स्थिति से बचने के लिए , भय के कारण के कारण उसे निडर होकर अपनी बात कैसे कहे ये सिखाना चाहिए  


क्रोध करने वाले या आक्रामक बालक के लिए उपचार
आक्रमणकारी बालक 
  • बालक के रोग उपचार में सुधार करना चाहिए
  • बालक को समझाना चाहिए की क्रोध नहीं करना चाहिए
  • बालक को अपने क्रोध पर नियन्त्रण करने की शिक्षा देना चाहिए
  • बालक के क्रोध को दंड या कठोर बनकर दबाना नहीं चाहिए इससे क्रोध और बढ़ जाता है
  • बालक के खेल व् एनी कार्य में बाधा नहीं डालनी चाहिए
  • बालक में जो जलन की भावना है उसे सहयोग की भावना में बदलने की लिए कहना चाहिए
  • उसके काम , व्यवाहर में गलती नहीं निकालना चाहिए
  • जब उसका गुस्सा शांत हो जाए उसे एहसास दिलाना चाहिए उसका क्रोध करना व्यर्थ था
  • बालक यदि किसी बात से भयभीत है तो उसका कारण जानना चाहिए फिर बालक को यह समझाना चाहिए उसे उससे नहीं डरना चाहिए
  • बालक जब किसी व्यक्ति को मारता काटता , नोचता है खरोचना ,गाली देता है स्वय अपने शरीर को नुकसान पहुचा रहा है तो उसे समझाना चाहिए यह तरीके गलत है इससे सामने वाले व्यक्ति को ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक नुकसान भी होता है
  • वह जैसे वस्तु इधर उधर फेंकता है तोड़ता है तो उसे समझाना चाहिए कि ऐसा करने से क्या लाभ होगा वह जिस कारण से यह सब कर रहा है उसके कारण पर विचार - विमर्श करना चाहिए फिर उसकी समस्या का उपचार करना चाहिए
  • बालक यदि स्वयं क्रोध में है तो उस पर क्रोध नहीं करना चाहिए बल्कि उसके साथ बहुत प्यार और सौम्य व्यवहार करना चाहिए
  • कुछ बालक ऐसे होते जो किसी विशेष चीज़ के लिए जिद्द करता है जो बिलकुल उसी समय उन्हें चाहिए जिस वक्त वे जिद कर रहे है बालक को समझाकर शांत करना चाहिए उसे उस वस्तु का मूल्य समझाना चाहिए की यदि जरूरत हो तो ही उसे मिलेगी बालक को यह सीखाना चाहिए थोड़े में भी गुजारा कैसे किया जाता है
  • कुछ बालको की आदत होती है वे अपने मित्र के पास जो वस्तु देखते है उन्हें भी वैसी ही वस्तु चाहिए बालक को कम चीजो के साथ सामंजस्य करना सिखाये उन्हें बताये की इस दुनिया में ऐसे भी लोग है जिनके वह वस्तु भी नहीं है जितना उसके पास है










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