ए दोस्त ना सो एक खामोश नींद में जहां से कोई सोकर उठता नहीं है

i want to die 

                      जब मैं स्कूल के दिनों में थी मुझे भी यही एक ख्याल आया था की सो जाऊं लटकर फांसी फंदे पर जब होती थी स्कूल की पढ़ाई में मन नहीं लगता था  तब मम्मी पापा समझाते थे की बेटा यह एक मात्र रास्ता नहीं है की पढ़ाई में मन नही लग रहा तो फांसी लगा लो मन लगाओ पढाई नए तरीके से करो फिर पढ़ाई करने के  नए - नए तरीके बनाये और खूब प्रगति की आज सोचती हूँ कि अगर मैं भी फंदे से लटक जाती तो ?

                   आज एक व्यक्ति की सबसे बड़ी समस्या है किसी विषय पर होने वाला तनाव और उसके बाद उस विषय या बात इतना अधिक परेशान या कुंठित , या उस बात पर अधिक विचार कर लेने और अधिक सोचने , संसार से सारी मोह माया , पारिवारिक सुख जीवन के उस एकमात्र कारण को त्यागने के बाद सैदेव के लिए में अपने ही हाथो खुद को एक खामोश नींद में फिर ना जागने के लिए सुला लेना

जी हां मित्रो ! में बात कर रही हूँ आत्महत्या विषय की

              स्वयं अपने ही हाथों व्यक्ति अपने आपको एक खामोश नींद में सुला लेता है जब उसे सारे रास्ते बंद नजर आते है चारो ओर से परेशानी ही परेशानी है तो  व्यकित को यह लगने लगता है अब यह परेशानी या समस्या ठीक नही हो सकती है इनका कारण में हूँ तो वो वो अपना जीवन समाप्त कर लेता है वजह चाहे कुछ भी हो पर हाँ इस आत्महत्या की तैयारी उसके मस्तिस्क में बहुत पहले चल रही है होती है अन्य व्यक्ति से अपने मन की बात नहीं बताकर वह अंदर ही अंदर घुटता रहता है उस समस्या पर खामोश रहकर सोचता रहता है व्यक्ति दिन हो या रात उस समस्या को ही सोचता रहता है उस व्यक्ति की भूख प्यास हवा हो जाती है
            वह व्यक्ति कभी मरने का सोचता है कभी अपने को जीवित देखने का और यह दोनों ही स्थितियां में वह उलझता - सुलझाता रहता है आर जब उस को बहुत अधिक तनाव हो जाता है तो बस वह खुद को मार लेता है
चाहे वह पुरुष - महिला , कोई लड़का - लड़की दोनों ही अपना जीवन समाप्त कर सकते है
          युवावर्ग और किशोरों में आत्महत्या की घटना ज्यादा देखी जाती है युवावर्ग में निराशा , किसी चीज में संतोष ना मिलना , अपने भविष्य की चिंता

खामोश नींद में सुला लेने के कारण हजारो कारण हो सकते है -

  • विवाहित जोड़ो के बीच गलतफहमी , मतभेद ,धोखा , साथी से तलाक हो जाना
  • युवा व्यक्ति ज्यादा प्यार में असफल रहने पर
  • मात पिता , भाई बहन के साथ अपमानजनक व्यवहार

  • साथी द्वारा हिंसा का शिकार होने पर इस तरह के मामलों में ज्यादातर महिलाएं ही आत्महत्या की शिकार होती हैं लगातार तनाव और अशांति का कारण अवसाद और अंत में आत्महत्या की ओर ले जाता है
  • प्रियजन की मृत्यु के कारण स्वयं को सबसे अकेला समझना
  • किसी व्यवसाय , परीक्षा में पास ना होना जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसमे असफल होना
  •  उन्हें चाहिए के वह अपने दोस्तों जैसा कर दिखाए मम्मी पापा का बार - बार दवाब छात्र पर अच्छे ग्रेड लाने और माता पिता की अपेक्षा पर खरा उतरने का दवाब छात्रों पर हमेशा ही अच्छे जब वह परीक्षा में पास नहीं होता है जान दे देता है 

  • किसी मित्र से झगड़ा हो गया बहस से सम्बन्ध टूटने पर
  • टेक्स पूरा चुकाने की में असमर्थ , काम की तलाश परिवार का सहारा और माता पिटा की दवाई खर्च को पूरा रने में नकाम रहना वित्तीय कारण है टेक्स देने वाली संस्थाए और साहूकार लोन लेने वालो से भारी ब्याज लेते है और व्यक्ति लगातार यह सोचकर परेशान रहता है के वह कैसे ब्याज चुकाए ब्याज पूरा  नही चुका पाऊंगा और सोचकर वह आत्महत्या कर लेता है 
  • शराब के अधिक सेवन से मानसिक असंतुलन , लम्बे समय से चल रहा तनाव और नशीली दवा के खाने कारण मतिभ्रम ज्यादा शराब पीना और अपनी लत को पूरा करने में वितीय असमर्थता होती है
  • कैंसर , एस टीडी जैसे लाइलाज बीमारी होने पर वे लगातार दर्द और उम्मीद ना होने पर उन्हें लगता है अब बीमारी ठीक नही हो सकती और यह विचार आता है पीड़ा से मुक्ति का एकमात्र रास्ता है की मैं खुद को मार लूं


खुद को इस खामोश नींद में सुलाने की भुत सारी विधियां है हर व्यक्ति अपने तरीका चुनता है

  1. जहरीले पदार्थ लेकर
  2. खुद को गोली मार लेना
  3. ट्रेन के सामने कूद जाना
  4. उंचाई से या नदी में कूद जाना
  5. खुद को पेट्रोल डालकर आग लगा लेना
  6. चाकू से खुद पर वार करना
  7. फांसी लगा लेना
  8. या अन्य किसी विधि से अपने को मौत की नीद में सुला लेता है


इस खामोश नींद को कैसे रोके

हाँ इसे रोका जा सकता है

  • व्यक्ति के तनाव का कारण जाने परिवार के लोग ,मित्र को उसके मन की बातो को समझना चाहिए उसे बैठकर उचित संवाद किया जाना चाहिए
  • व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए
  • किसी भी तरह से उसे अकेला नही छोड़ना चाहिए
  • उसे समझाना चाहिए जो रास्ता व सोच रहा है वह सही नहीं है
  • व्यक्ति की समस्याओं को ना बढ़ाकर उन्हें कम करने का प्रयास करना चाहिए
  • जो व्यक्ति पहले ही अपने को मारने का प्रयास कर चुके होते है और असफल होने पर दुबारा प्रयास करते है ऐसे व्यक्ति पर विशेष नजर रखना चाहिए उनकी मनोवैज्ञानिक सहायता करनी चाहिए
  • वह व्यक्ति जिसे अपने मन खुद को मारने का ख्याल आ रहा है उसे अपने परिवार या मित्रो से बात करना चाहिए अपने परिवार के बारे में सोचो की जो आपको भुत प्यार करते है आपके बिना उनकी जिन्दगी के सारे मतलब बेकार है अगर आप किसी बात से परेशान है अगर आपको उस परेशानी का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है तो अपने अपनी बात परिवार से बताने मन हल्का होगा 
  • दोस्त यह ही एकमात्र रास्ता नहीं है की बस जहर खाया या पंखे से लटक गये और हो गया इस खूबसूरत जिन्दगी का खेल खत्म नही जिन्दगी में हर चीज बहुत सारे उपाय है जिनसे समस्या दूर किया जा सकता है 
    family coversation 
  • कई बार दूसरो के बहकाने से , आलोचना , चिढाने से बेइज्जती से आप निराश हो जाते है और बीएस हम एक बात उस वक्त भूल जाते है जिस वक्त हमारे मस्तिष्क में यह विचचार आता है परिवार का क्या होगा माता - पिता, पति - पत्नी ,भाई - बहन जो हमारी जिम्मेदारी है की हम उन्हें खुशियाँ दे ना की इस तरह खुद निराशाओं के फंदे में लटक जाए हम अपने पीछे उनके दुःख के बारे में सोचते ही नही जिन्होंने हमे खुशियाँ दी है उनके सुख भी सोचे 
  • स्टूडेंट्स कम नम्बर मिले या फेल हो गये ये कदम उठा लेते है उन्हें यह सोचना चाहिए और भी
  • स्टूडेंट्स है जो बहुत मेहनत करते है और औसत अंक भी नहीं ला पाते है जिसके पास शिक्षा नहीं है या जो शिक्षा पाना चाहते है  यह माता पिता की जिम्मेदारी है अपने बच्चे के इस तनाव को समझे की आज नहीं आये अच्छे नम्बर तो क्या हुआ या फेल हो गया तो क्या ज्यादा से ज्यादा क्या होगा दोबारा वही परीक्षा देगा तो देने दीजिए ना कम से कम वह इस अवसाद या तनाव से तो बच जाएगा तो कल बच्चा मेहनत करेगा तो ले आयेगा
  • माता पिता को बच्चे पर अधिक दवाब नहीं डालना चाहिए यह दवाब ही उससे यह कदम उठवाता है
  • व्यक्ति को उचित मनोवैज्ञानिक के पास लेकर जाए
  • व्यक्ति को अच्छी किताबे पढ़ना व् अच्छी मूवी देखना चाहिए
  • अच्छे दोस्त बनाये जो आपको उचित मार्गदर्शन दे
  • व्यक्ति का दिमाग यदि खाली है तो उसे खाली मत रहने दीजिए कोई लक्ष्य बनाइए और उसे पाने के लिए बहुत मेहनत करे
  • परिवार में हो रहे मनमुटाव को आपसी बातचीत एक दुसरे को समय देकर सुलझाए बातो से किस समस्या का समाधान नहीं मिलता है इसलिए कहा जाता है
  • ऐसे ग्रुप्स बनाये जो ऐसे व्यक्तियों से बाते करे उनके लिए काम करे उन्हें उचित मार्गदर्शन दे जो यह कदम उठाने की सोच रहे है  



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