जागेगा हर बस्ती का इक - इक कोना अनपढ़ होने का दुःख हमको नहीं ढोना

          पढ़ना लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालो
         पढ़ना लिखना सीखो ओ भूख से लड़ने वालो
                                       












              आज अन्तराष्ट्रीय साक्षरता दिवस है 


            
                   साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है।


साक्षर कौन हैं?
                भारतीय नियम के अनुसार इस सूत्र में जो उन लोगों को भी शिक्षित गिना जाता है जो अपने हस्ताक्षर कर सकते हैं तथा पैसे का हिसाब किताब करना जानते हैं अथवा समझ सकते हैं अथवा दोनों।
                      दोस्तों यूनेस्क नामक देश ने 7 नवंबर 1965 में एक येसा  फैसला किया कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष 8 सितंबर को मनाया जोकि पहली बार 1966 से मनाना शुरु हुआ था | हमारे समाज, व्यक्ति और समुदाय के लिये साक्षरता के बड़े महत्व को ध्यान दिलाने के लिये पूरे विश्व भर में इसे मनाना शुरु किया गया। समुदाय में  बच्चे व बड़ो को शिक्षा और साक्षरता की दर को दुबारा से एक बार ध्यान दिलाने के लिये इस दिन को खासतौर पुरे विश्वव में ही मनाया जाता है।

साक्षरता दर

किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को कहा जाता है।



अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है :-
             अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस को मनाने का उद्देश्य साक्षरता की दिशा में लोगों का ध्यान खींचना और सामाजिक और मानव विकास के लिए उसके अधिकारों का ज्ञान देना है सफलता के साक्षरता उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जीवित रहने के लिए खाद्य पदार्थ है यह गरीबी उन्मूलन (poverty), बाल मृत्यु (child mortality) दर को कम करने, जनसंख्या वृद्धि (population growth) को नियंत्रित करने, लैंगिक समानता ( gender equality) की प्राप्ति आदि के लिए भी आवश्यक है साक्षरता में व्यक्ति को अपनी पारिवारिक स्थिति और देश को अपना दर्जा बढ़ाने की क्षमता है यह दिन सतत शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने और परिवार , समाज और देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझने के लिए मनाया जाता है |
राष्टीय साक्षरता मिशन

          सन 1988 में देश में पूरन साक्षरता के लिए राष्टीय साक्षरता मिशन की स्थापना की गई और लक्ष्य रखा गया की सन 2005 तक निक्षरता का पूर्णत उन्मूलन कर दिया जाए इसका उद्देश्य ऐसे निरक्षरों का साक्षर बनाना है जो अनौपचारिक शिक्षा के अंतगर्त नहीं आते और जिनकी आयु 15 वर्ष से 35 वर्ष के बीच है अनौपचारिक शिक्षा से वंचित 9-14 आयु वर्ग के बच्चे भी शामिल कर लिए जाते है
निरक्षरता उन्मूलन के कार्यक्रम
निरक्षर प्रौढ़ महिलाओं तथा पुरुषों की पढ़ाई - लिखाए का प्रबन्ध करना तथा उनको साधारण गठित का ज्ञान देने के लिए रात्री पाठशाला का आयोजन करना
औपचारिक शिक्षा योजना - औपचारिक शिक्षा योजना का प्रारम्भ 1976 में हुआइस योजना के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष तक के इसे बच्चे जो औपचारिक शिक्षा प्राप्य नहीं क्र पाए है उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाती है
राष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम - निरक्षरता उन्मूलन हेतु राष्टीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम का प्रारम्भ 2 अक्टूबर 1978 में हुआ था इस योजना का मुक्ज्य उद्देश्य 15 वर्ष से ५५ वर्ष के आयु वर्ग के प्रौढ़ हेतु के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना
ओपरेशन ब्लैकबोर्ड - यह कार्यक्रम 1987 - 88 में प्रारम्भ किया गया था इस योजना में प्रत्येक मौजूदा प्राथमिक विद्यालय के लिए कम से कम दो बड़े कमरों , कम से कम दो अध्यापको और पठन सामग्री की व्यवस्था करने का प्रावधान था 2002 - 03 में इस योजना का सर्व शिक्षा अभियान में शामिल क्र लिया गया
नुक्कड़ नाटक - विभिन्न राजनितिक दलों के उत्साही कार्यकर्ता या कोलेज के छात्र - छात्राएं किसी सामाजिक बुराई को आधार बनाकर शहर के किसी चौक - चौराहों या तिराहे पर ये नाटक करते है इनके चारो तरफ जनता इकट्ठा हो जाती है जनता पर इन नुक्कड़ नाटको का प्रभाव पड़ता है लोगो में शिक्षा में रूचि उत्पन्न करने के लिए विशेष प्रकार के नुक्कड़ नाटको का प्रयोग किया जाता है
गांवो में साक्षरता शिविर लगाना - स्वयंसेवी संस्थाओं या अध्यापकों छात्रों द्वारा ग्रामो में साक्षरता शिविरों का आयोजन करना  चाहिए न्र्क्षर कृषको को खाली समय में पढ़ना लिखना सिखा सकते है तथा उन्हें पढ़ने -लिखने की सामग्री निःशुल्क वितरण क्र उनकी मदद कर सकते है  
ग्रामीण कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम - ग्रामीण साक्षरता कार्यक्रम का प्रारम्भ मई 1986 में किया गया था इस योजना का प्रारम्भ ग्रामीण कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम के एक सहायक कार्यक्रम के रूप में किया गया था इस योजना में एक -एक को पढ़ाएं के सिद्धांत 2 लाख स्वयं सेवेको के सहयोग से प्रारम्भ किया गया था
साँस्कृतिक कार्यक्रम व् रेडियो व् टीवी पर लोगो को साक्षर बनाने हेतु उपयोगी कार्यक्रम प्रसार्तीय किये जाए
दृश्य - श्रव्य साधन का प्रयोग - नागरिको की जागृति के लिए फिल्म दिखाना , पोस्टर , चार्ट , स्लाइड , लैंटर्न , प्रोजेक्टर , की व्यवस्था करना
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन - राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की शुरुआत 5 मई 1988 में हुई इस कार्यक्रम का लक्ष्य 1990 -95 तक 15 -35 आयु वर्ग के लोगो को साक्षरता पहुंचाना साक्षर बनाना ।

पढ़ना और पढ़ाना तुम , चाँद से आगे जाना तुम
सारी दुनिया अपनी है बस बांहे फैलाना तुम

अन्धकार से लड़ना होगा , उजियारे सा बढ़ना होगा
धरती व् जीवन की खातिर लिखना होगा पढना होगा 


                                 पढ़े पढाएं  लोगो को आगे बढाएं किसी व्यक्ति को शिक्षित करना सबसे बेहतरीन काम है इसका जरिया कुछ भी हो सकता है लोगो को प्रोत्साहित करे कि पढ़े लिखे आगे बढ़े ज्ञान प्राप्त करे कुछ कार्य करे किसी व्यक्ति को जब हम शिक्षित करते है तो उसे शिक्षित करने के साथ - सतत हम स्वयं भी शिक्षित होते है हमारे ज्ञान के भण्डार में और वृध्दि होती है । 
                                आज भी कई ऐसे लोग हैं जो अनेकों व्यक्तियों को शिक्षित कर रहे हैं जो व्यक्ति साक्षर नहीं है गरीब है उनकी परेशानियों को समझकर उनकी पढ़ाई लिखाई निःशुल्क शिक्षा देनी चाहिए उनके जीवन में ज्ञान की नई रोशनी देना चाहिए ताकि वे भी बाकी शिक्षित लोगों की तरह साक्षर हो सके । 

समस्त पाठकों को  अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकानाएं  - कोपल कोकास 

11 टिप्पणियाँ:

शरद कोकास ने कहा…

अच्छा लिखा है

Unknown ने कहा…

साक्षरता दिवस की अनेकों शुभकामनाएं व जानकारी सांझा करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार।

Unknown ने कहा…

साक्षरता दिवस की अनेकों शुभकामनाएं व जानकारी सांझा करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार।

बजरंग बिहारी ने कहा…

आवश्यक और प्रेरक लेख। साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं।

कोपल कोकास ने कहा…

धन्यवाद मंडलोई जी

कोपल कोकास ने कहा…

धन्यवाद बिहारी जी

कोपल कोकास ने कहा…

ठंकू डैडी

कोपल कोकास ने कहा…

धन्यवाद बिहारी जी

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

कोपल बिटिया ने लिखा,साक्षरता इतिहास।
देत बधाई मैं कहूँ, सराहनीय प्रयास।।
बहुत सुंदर....👍👍👍👍👌👌👌

All India Computer Saksharta Mission ने कहा…

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