प्रौढ़ व्यक्ति पढ़ते हुए |
वर्तमान में सामाजिक , आर्थिक , राजनीतिक , व्यवसायिक , तथा
प्रौद्योगिकीय परिवेश में खुद को उचित तरीके से ढालने के लिए एवं प्राकृतिक सम्पदा
व् वैज्ञानिक उपलब्धियों का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करने के लिए व्यक्ति का
शिक्षित होना आवश्यक है ।
प्रौढ़ व्यक्ति शिक्षा लेते हुए |
मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए - व्यक्ति यदि पढ़ा
लिखा होगा तो को रहन सहनऔर अच्छा कर सकता है व्यक्ति अपने वातावरण और परिवेश को
समझ सकेंगे पढ़े लिखे होकर वे अपने जीवन शैली विकसित कर सकते है वे सरकारी योजनाओं
का लाभ ले सकते है ।
लोकतंत्र की सफलता के लिए - शिक्षित ना होने पर नागरिक अपने
कर्तव्यो एव अधिकार को जान पायेगे वे अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर सकते है और
योग्य व्यक्ति चुन लिए जाते है हो लोकतंत्र के लिए गलत ढंग से काम करते है
व्यक्ति यदि पढ़ा लिखा होगा तो वे देश के क़ानून ,सिधान्तो से परिचित रहेगा उसे गाँव
,जनपद , राज्य व् राष्ट्रीय स्तर के संगठन के उद्देश्य व् कार्य -प्रणाली के बारे
में पता होगा तो वे अपना मत अच्छे उम्मीदवार को देगा जो देश के हित के लिए काम करे
।
प्रौढ़ महिलाएं पढ़ते हुए |
आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति
अगर पढ़ा लिखा है तो वे कहीं नौकरी कर सकेगा अपना स्वयं का उद्योग - धंधा शुरू कर
सकता है अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरी करके अपनी गरीबी मिटा सकता है
पारिवारिक उन्नति के लिए - घर के मुखिया का पढ़ा लिखा होना जरूरी
है क्योकि परिवार का भरण पोषण उनकी समस्त जिम्मेदारियां मुखिया पर ही होती है अगर
मुखिया शिक्षित तो वे स्वय पढ़े लिखे होने के कारण अपने परिवार को भी शिक्षित करेगा
और पारिवार भी उन्नति करेगा ।
स्वास्थ्य की रक्षा के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति शिक्षित नहीं होगा तो
उसे अपने आसपास फैल रही बीमारियों का पता नहीं चलेगा और उनका उचित इलाज नहीं
करवाएगा न संतुलित आहार लेगा परन्तु प्रौढ़ व्यक्ति शिक्षित है तो वो अपना और
परिवार के स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहेगा अच्छा खाना खायेगा बीमारियों से बचाव
करेगा उनका समय पर इलाज करवाएगा ।
समाजिक विकास के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति यदि अनपढ़ है पढना लिखना
नहीं जानता है तो वे अनेक रूढ़ियो को मानता रहेगा जैसे दहेज़ प्रथा , जातिवाद ,
भ्रूण हत्या , बलात्कार , जहरखुरानी , साम्प्रादायिकता , आतंकवाद जनसंख्यावृध्दि,
गरीबी , छुआछूत आदि रूढ़ियाँ वह मानता रहेगा और आगे नहीं बढ़ पायेगा प्रौढ़ व्यक्ति
साक्षर होगा तो वह इन कुरीतियों का विरोध करेगा ।
सांस्कृतिक विकास के लिए - शिक्षा व्यक्ति के ज्ञान को मजबूत आधार
देती है जिसका लाभ आने पीढियों को होता है क्योंकि हर राष्ट्र विरासत में
सांस्कृतिक धरोहर के रूप में अपनी संस्कृति प्राप्त करता है जब प्रौढ़ व्यक्ति
शिक्षित होंगे तो वे अपनी सांस्कृतिक विरासत अपनी आने वाली पीढी को दे सकेंगे
अशिक्षित व्यक्ति यह नहीं व्यक्ति ना तो अपनी संस्कृति समझ पायेंगे ना भावी पीढी
को दे पायेगे ।
राष्ट्रीय एकता कायम करने के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति
साक्षर होगा तो विभिन्न धर्मो,जातियों ,प्रान्तों, सम्प्रदायों के लोगो से समस्याओं पर वाद विवाद कर सकेगा
साक्षर नहीं होने पर उसमे यह क्षमता ही नहीं होगी की वे इन विषयों पर चर्चा कर सके
।
व्यवसायिक कुशलता के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति शिक्षित होने पर बहुत से
व्यवसायों व् प्रशिक्षण एव जानकारी लेने के अवसरों का लाभ ले सकेंगे वे अपने
व्यवसायिक कौशल को बढ़ा सकेंगे और रोजगार शुरू करगे पैसे कमा सकेगे पढ़ा लिखा नहीं
होने पर वे ना तो नौकरी या व्यवसाय कर पायेंगे ना पैसे कमाकर एक अच्छा जीवन बिता
सकेंगे घर में रहकर केवल मारपीट झगडे करेगे ।
स्वस्थ मनोरंजन के लिए - प्रौढ़ व्यक्ति शिक्षित होने पर अपना और परिवार के अपने अवकाश के समय अच्छे
से मनोरंजन कर सकेंगे उनके मनोरंजन के स्रोत भी अछे व् उपयोगी होंगे अगर प्रौढ़
व्यक्ति पढ़ा लिखा नही होगा तो वे अपने खाली समय में जुआ खेलकर , शराब पीकर या चोरी
या कोई अपराध करके अपना मनोरंजन करेंगे ।
बौध्दिक विकास करने के लिए - पढ़े लिखे नहीं होने पर प्रौढ़ व्यक्ति योग्यताओं एव मानसिक क्षमताओं का अच्छे से
विकास नहीं कर पायेगा प्रौढ़ व्यक्ति में कोई योग्यता होगी तो वे उसका कहीं उपयोग
कर पायेगे नही अशिक्षित होने पर उनकी योग्यता व् बौद्धिक क्षमता का विकास ही नही
होगा ।
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