ऐसा क्या चुने तो नौकरी मिलेगी


                          


                          किसी व्यवसाय को चुनने , उसके लिए आवश्यक तैयारी करने , उसमे नियुक्ति पाने तथा प्रगति करने के लिए सूचना ,अनुभव एव राय देना व्यवसाय निर्देशन है Ι
                         नेशनल वोकेशनल गाइडेंस एसोसिएशन के कहा है की -  व्यवसायिक निर्देशन व्यक्ति के व्यवसाय चुनने उसके लिए आवश्यक तैयारी करने , उसमे प्रवेश पाने वहां प्रगति करने में सहायता देने की एक प्रक्रिया है Ι
                           एक साधारण से साधारण व्यक्ति को भी अपने कैरियर बनाने , अपने व्यवसाय को चुनने में दिक्कत आती है जब वो बारहवी से आगे कोलेज में जाना चाहता हो , या कोई व्यक्ति जो कोई व्यवसाय शुरू करना चाहता हो उसे यह समझ नही आता है की वह किस शेत्र में जाए कैसे अपना व्यवसाय चुने , ऐसा कौन सा व्यवसाय शुरू करे जो चले या कोलेज जाने पर हज़ारो विषयों के आप्शन होते है पर उसे यह नहीं समझ आता की कौन सा ऐसा विषय लू जिसे पढकर कुछ बन सकूं , वह ये सोचता है की विषय ऐसा हो जिससे मुझे कोई नौकरी मिल जाए या मै अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर पाऊं इन सब कारणों से ही व्यवसायिक निर्देशन जरुरी है ताकि व्यक्ति या छात्र आसानी से अपने कैरियर के लिए विषय का चुनाव क्र सके वो भी बिना किसी परेशानी के










क्यों जरुरी है व्यवसायिक निर्देशन

  • विधार्थियों को यह सोच विचार में मदद करना की वह किसी विशेष विषय में अपना कैरियर बनाना चाहते है
  • विधार्थियों को स्वयं के बारे में जानने में सहायता देना
  • विधार्थियों को चुने हुए शेत्र उपयुक्त व्यवसाय ढूढने के लिए
  • कैरियर में प्रवेश की तैयारी के लिए सहायता हेतु
  • विद्यार्थियों को जीविकाओ के विषय में ऐसी सूचनाए एकत्र करने में सहायता देने जिन्हें
  • वे चुन सके Ι
  • विधार्थियों को उन व्यवसायों में सहायता देना जो वे अपनाना चाहते है
  • यह बताना की किसी व्यवसाय के लिए किन-किन गुणों , योग्यताओं और दक्षताओं की आवश्यकता होती है Ι
  • विद्यार्थियों को विभिन्न व्यवसायों का निरीक्षण करने की सुविधा देना Ι
  • विद्यार्थियों को इस बात से परिचित कराना की किस व्यवसाय के लिए किस प्रकार के व्यक्तियों की आवश्यकता होती है तथा किस प्रकार के व्यक्ति के लिए कौन सा व्यवासय उपयुक्त रहता है
  • विद्यार्थियों को यह बताना की व्यवसाय द्वारा वे किस प्रकार समाज सेवा कर सकते है व्यक्तिगत संतुष्टि अर्जित कर सकते है
  • निर्धन छात्रो को अधिक सहायता देकर उनकी व्यवसाय सबंधी योजना को सफल बनाना Ι
  • विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थाओं से छात्रो को परिचित कराना Ι
  • व्यवसाय चयन के बाद व्यक्ति को अनुकूल परिस्थतियों पैदा करने में मदद देना Ι
  • इस भावना का विकास करना की इमानदारी से किया कार्य श्रेष्ठ होता है Ι
  • छात्रो में विश्लेषण सम्बन्धी सूचनाओं का विश्लेष्ण करने की शमता का विकास करना Ι
  • ऐसे अवसर देना जिससे वे अपनी रूचि का विस्तार कर सके Ι
  • विभिन्न व्यवसायों से परिचित कराना Ι
  • उनका व्यक्तिगत तथा सामजिक महत्व बताना कार्य के प्रति आदर्श भावना जगाना Ι
  • विद्यार्थियों को यह बताना की व्यवासायिक प्रगति के लिए व्यवसायिक निर्देशन जरूरी है





 



        

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