प्रेम का दिन

             
                 कितनी जोर शोर से लोग वैलेंटाइन डे मनाते है प्यार करने का प्यार को मनाने का दिन है कुछ लोग इस दिन का विरोध करते है प्यार तो सभी के लिए होता है कुछ इसको सहे अर्थो में कुछ गलत अर्थो में मनाते है जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी शिवसेना दल के लोग कॉलेज में आकर खूब तोड़फोड़ करते है जगह - जगह पर मोर्चे निकालते थे और कॉलेज से स्टूडेट्स को बाहर निकाल देते और घर जाने के लिए कहते थे उन दिनों में खुद का वैलेटाइन डे मनाती थी मेरी सोच बहुत साफ़ है कि प्यार तो सभी के लिए बस इसे गलत तरीके से ना मनाया जाए कॉलेज मैं तो खुद के लिए तैयार होती थी अपनी पसंद के लाल रंग का सूट पहनती कॉलेज जाकर अपनी सहेलियों को चोकलेट बांटती थी किसी रेस्ट्रोरेन्ट में जाकर अपनी पसंद की कोई अच्छी दिश खाती थी
              मुझे यही लगता है कि प्यार को मनाने का दिन है तो बशर्ते मनाइए और जिन्दगी भर मनाइए क्योंकि प्यार तो रिश्तों को जिन्दा रखता , मजबूत बनाता है सबके अपने - अपने तरीके है प्यार के इस दिन को मनाने के मुझे यह दिन और बाक़ी सारे दिन अपने जीवनसाथी संग और अपने परिवार के संग मित्रों के संग मनाना है और यह आज भी इस दिन पर मैं मम्मी पापा को , अपने जीवनसाथी , अपने मित्रों को अपने प्यारे - प्यारे संदेश भेजूंगी अपने मम्मी पापा के लिए कुछ अच्छी - अच्छी डिश बनाकर उन्हें खिलाउंगी , जब जिंदा है तभी तक तो प्यार है फिर साँसों का खेल खत्म तो देखने के लिए बचेंगे ही नहीं इसलिए जब तक है तब सबके साथ प्यार से रह लीजिए फिर तो एक फोटो में लटके रह जाते है और लोग बस हमें याद करते है इसलिए अपने अपनों को से बहुत सारा प्यार कीजिए

     हैप्पी वैलेंटाइन डे                    

3 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (14-02-2017) को "महामृत्युंजय मंत्र की व्‍याख्‍या" (चर्चा अंक-2880) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Jyoti khare ने कहा…

सार्थक सच को उजागर करता बढ़िया आलेख

कोपल कोकास ने कहा…

धन्यवाद अंकल जी

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