आज 24 फरवरी है और आज मेरे प्रिय बिस्तर का जन्मदिन है सुनकर में से बहुत से लोगों को हंसी आयेगी कि बेड बिस्तर का भी कोई जन्मदिन मना सकता है जी हाँ मित्रों मैं मनाती हूँ अपने बेड का जन्मदिन आज से 9 साल पहले 24 फरवरी २००९ के ही दिन मेरे कमरे में मेरे लिए बेड लाया गया था ।
सन 2007 में जब हमारा घर बना था तब मैं अपने मम्मी
पापा के साथ ही उनके डबल बेड पर सोती थी मेरा कमरा ऊपर था परन्तु मुझे ऊपर सोने
नहीं दिया जाता था कि मैं अकेले कैसे सोउंगी पर फिर इन्हीं फरवरी के दिनों में मैंने अपना मन पक्का किया कि
मुझे सोना चाहिए अपने कमरे में अच्छा लगेगा मैंने धीरे - धीरे अपने कमरे में नीचे
जमीन पर गद्दा और मच्छरदानी लगाकर सोना शुरू किया पर मेरे पापा इसका विरोध करते थे
कि अरे नीचे जमीन पर कैसे सोओगी नीचे कीड़े वगैरह घूमते है ।
उसके बाद 24 फरवरी 2009 को मेरे लिए ख़ास मेरा एक बॉक्स वाला सिंगल बेड लाया गया जिस पर मच्छरदानी के लिए डंडे फिट किये गये । वो दिन आज का ही दिन था ।
उसके बाद 24 फरवरी 2009 को मेरे लिए ख़ास मेरा एक बॉक्स वाला सिंगल बेड लाया गया जिस पर मच्छरदानी के लिए डंडे फिट किये गये । वो दिन आज का ही दिन था ।
फिर मैंने अपने बेड पर बढ़िया चादर
बिछाया तकिया में खोल लगाया सोने के लिए बेड तैयार हो गया और उस दिन पहली बार अपने कमरे में अपने प्रिय पलंग पर
सोई सचमुच बहुत सुकून भरी नींद आई सुबह उठी तो बहुत तरोताज़ा महसूस किया । धीरे -
धीरे मैंने अपने बेड की आसपास की जगह को सजाना शुरू किया सजावट के लिए मैंने अपने बिस्तर की मच्छरदानी की रॉड पर एक झूमर टांग रखा है वो भी मुझे बहुत अच्छा लगता है । न्यूजपेपर से दो झालरे बनाई है वो भी रॉड पर लगाई है ।
एक मामूली सा लकड़ी का पलंग मेरी नींद का , सपनों का ,सुख - दुःख , मेरी खुशियों का ,मेरी पढ़ाई का , मेरी कलाकारी का , मेरे आंसुओं का , मेरी बैचेनी का , हर मौसम का , मेरी हर भावना का साथी बन गया है ।
एक मामूली सा लकड़ी का पलंग मेरी नींद का , सपनों का ,सुख - दुःख , मेरी खुशियों का ,मेरी पढ़ाई का , मेरी कलाकारी का , मेरे आंसुओं का , मेरी बैचेनी का , हर मौसम का , मेरी हर भावना का साथी बन गया है ।
मैंने अपने कमरे में कोई कुर्सी कोई सोफा नहीं
रखा है क्योंकि यह बेड ही उन सभी की कमी पूरी कर देता है मेरे कमरे में एक दीवाल
है उसकी पास रखा है दीवान एक दीवाल का कोर्नर है जिस पर टिककर बैठना और फिर अपने
बेड पर ही बैठकर मोबाइल चलाना , आराम करना , किताबें पढ़ना या अन्य कोई काम बैठकर
ही करना अच्छा लगता है ।
मुझे अपने बेड की आदत ऐसी लग गई है कि मुझे अपने बेड पर ही सुकून की नींद आती है और कहीं भी वो सुकून नही जो इस बेड पर है । कितनी भी थकान क्यों न हो बिस्तर पर सोते ही सारी थकान दूर होकर बहुत अच्छी औऱ प्यारी नींद आती है ।
मुझे शुरू से ही अकेले सोने में कभी डर नहीं लगा बहुत से लोग मुझसे कहते पूछते अरे कोपल तुम्हें अकेले सोने में डर नहीं लगता मैं उनकी बातें सुनकर हंस कर कहती नहीं बल्कि मुझे तो अकेले सोने में मजा आता है कोई कहता कि चोर आ गया तो कोई उठाकर ले गया तो मैं कहती इतनी हिम्मत नहीं कर सकता कोई । क्योंकि मेरे कमरा ऐसा है कि उस कमरे के दोनों ओर दो छत है जिनके सामने दो लोहे के दरवाजे लगे हैं उसे तोड़कर कोई अंदर नहीं आ सकता
बेड चाहे किसी भी वस्तु से बना हुआ हो उसके साथ आपकी मन की भावनाएं जुड़ जाए तो वह वाकई प्रिय हो जाता है ।
मुझे अपने बेड की आदत ऐसी लग गई है कि मुझे अपने बेड पर ही सुकून की नींद आती है और कहीं भी वो सुकून नही जो इस बेड पर है । कितनी भी थकान क्यों न हो बिस्तर पर सोते ही सारी थकान दूर होकर बहुत अच्छी औऱ प्यारी नींद आती है ।
मुझे शुरू से ही अकेले सोने में कभी डर नहीं लगा बहुत से लोग मुझसे कहते पूछते अरे कोपल तुम्हें अकेले सोने में डर नहीं लगता मैं उनकी बातें सुनकर हंस कर कहती नहीं बल्कि मुझे तो अकेले सोने में मजा आता है कोई कहता कि चोर आ गया तो कोई उठाकर ले गया तो मैं कहती इतनी हिम्मत नहीं कर सकता कोई । क्योंकि मेरे कमरा ऐसा है कि उस कमरे के दोनों ओर दो छत है जिनके सामने दो लोहे के दरवाजे लगे हैं उसे तोड़कर कोई अंदर नहीं आ सकता
बेड चाहे किसी भी वस्तु से बना हुआ हो उसके साथ आपकी मन की भावनाएं जुड़ जाए तो वह वाकई प्रिय हो जाता है ।
नौ साल पूरे करने पर मेरे प्रिय बेड को जन्मदिन की शुभकामनाएं ।
3 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (26-02-2018) को ) "धारण त्रिशूल कर दुर्गा बन" (चर्चा अंक-2893) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-02-2018) को <a
href="http://charchamanch
यादें सँजोये हुए
😁😁
जी रोहितास जी धन्यवाद
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