आज है प्रोमिस डे यानी अपनो से कोई वादा
करने का दिन हम सिर्फ प्रोमिस डे के दिन और आम दिनों में भी लोगों से वादे करते है
जैसे मैं आपका हमेशा साथ दूंगा , आपको खुश रखूंगा , दुखी नहीं करूंगा और भी कई सारे
वादे , एक वादे के पीछे बहुत कुछ छिपा होता है थोड़ा सा प्रेम , थोड़ी फ़िक्र और
हमारी उनके भावनाएं ।
सच
पूछिए तो मैं वादे करती तो हूँ पर यह वादा भी करती हूँ कि जो भी करूंगी वह आपके
लिए जरूर करूंगी वैसे तो जरूरत ही नहीं पड़ती है किसी से कोई वादा करने के लिए सबके
लिए सब कुछ वादे ना करो ।
पर प्रोमिस
डे मनाने में क्या हर्ज वादों का दिन है कम से कम इसी बहाने ये तो याद आ जाता है
कि हमें फिर कुछ नया करने का , गीतों को यूंही मस्ती में गुनगुनाने का वादा रहा
प्यार से प्यार का,जो वादा किया है वो निभाना पड़ेगा ,वादा कर ले साजना ,वादा रहा
सनम, फलक तक चल साथ मेरे ,चार कदम चल दो ना साथ मेरे ,मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,
कसम की कसम ।
वादों का क्या है ,कभी पूरे हो पाते है ,कभी अधूरे रह जाते है ,कभी मुकर
जाते है ,तो कभी भूल जाते है ,किसी के लिए कुछ ऐसा कीजिए कि वो उस काम के साथ आपको
याद करे और उसे आपके काम से खुशी मिलें वादे का क्या है कहना आसान है निभाना नहीं ।
कभी
आपने खुद कोई वादा किया है क्या ? हाँ मैं तो करती हूँ किसी से वादा करने से कुछ पूरा करने का ।
आप भी करिये वादों से पहले कुछ करने का ।
वादों और इरादों
का क्या वो तो बदल जाते है।
बातों और कसमों
का क्या वो तो भूल जाते है ।
काम कुछ ऐसा करें की
आपका नाम याद हो जाए
नाम काम ही तो याद रह जाते है ।
आपका नाम याद हो जाए
नाम काम ही तो याद रह जाते है ।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें