* सिर्फ नन्हीं कली नहीं होती है बेटी *

                                                                                     
 
   ( प्यारी सी बेटियों के लिए )

माता - पिता की सिर्फ नन्हीं कली नहीं होती है बेटी ।
किसी पेड़ पर चढ़ी हुई अमरबेल नहीं होती है बेटी ।।

नये सपने ,नई उमंग,नई उम्मीद लिए होती है बेटी ।
नये उजाले ,नयी उड़ान, नया उत्साह लिए होती है बेटी ।।

खुशियों का खज़ाना ,दुखों की दवा होती है बेटी ।
गर्मी की कड़ी धूप में ठंडी हवा होती है बेटी ।।

परायों को अपना बनाती पराई नहीं होती है बेटी ।
किसी अनजान घर की पहचान बनती है बेटी ।।

नए नाम और पहचान के साथ खुद को बदलती है बेटी ।
नये परिवार के माहौल में नयी आदतों में ढलती है बेटी ।।

डाँट सुनती ध्यान रखती सबका कहा मानती है बेटी ।
जीवनसाथी के दुःख-सुख की साथी बनती है बेटी ।।

आसुओं की सुगबुगाहट को उल्लास में बदलती है बेटी ।
अपनों की कड़वाहट को मिठास में बदलती है बेटी ।।

दो दो परिवारों का मान सम्मान बनती है बेटी ।
नये रिश्तों , नये जीवन का सृजन करती है बेटी ।।

जीवन में खुशियों के रंग भरती है बेटी । 
रिश्तों में प्रेम के रस बरसाती है बेटी ।।

 बढ़ा हुआ हर कदम पीछे नहीं हटाती है बेटी ।
 हर बार जीत के लिए हौसला जुटाती है बेटी ।।

 अपनों से जुड़ने का हुनर होती है बेटी ।
 सपनों का एक नया संसार बनाती है बेटी ।।
                  
 रिश्तों को बराबर लेकर चलने वाली होती है बेटी ।
 रिश्तों की जड़ो का मजबूत वृक्ष होती है बेटी ।।

 ना कम ना अधूरी अपने आप में पूरी होती है बेटी ।
 हमारे जीवन में सांसों से प्राण की दूरी होती है बेटी ।।

 माता - पिता की सिर्फ नन्हीं कली नहीं होती है बेटी ।
 माता - पिता की सिर्फ नन्हीं कली नहीं होती है बेटी ।।

8 टिप्पणियाँ:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

प्रभू की नियामत होती हैं, बच्चियां

कोपल कोकास ने कहा…

माता पिता की जान उनकी जमा पूंजी होती है बेटियां

Unknown ने कहा…

Tumnhari kavita ne dil ko chu liya..
Acha laga pad kar..

कोपल कोकास ने कहा…

Thanks anjana

कोपल कोकास ने कहा…

कुछ लाइने

हम बेटियां हैं
होती है आवाज़ो जैसी
छनकते खनकते हुए
पहले छूती है मन को
फिर चलते हुए जीवन में
सदा के लिए ठहर जाती है ।।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (11-02-2018) को 'रेप प्रूफ पैंटी' (चर्चा अंक-2876) (चर्चा अंक-2875) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Jyoti khare ने कहा…

बेटी जीवन का सृजन होती है
बहुत सुंदर और प्रभावी रचना
बधाई

कोपल कोकास ने कहा…

सादर धन्यवाद खरे अंकल जी

एक टिप्पणी भेजें