अरे लोगो मुझे पहचानों मैं हूँ किशोर

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    I am teenager 
  • किशोरास्व्था परिवर्तनों की अवस्था है - किशोरास्व्था बाल्यावस्था और प्रौढावस्था के बीच की अवस्था है जिसमे कई परिवर्तन होते है अनेक शारीरिक, मानसिक,मनोवैज्ञानिक, संवेगात्मक, बौध्दिक, सामाजिक इन परिवर्तनों के लक्ष्ण किशोर के बचपन की आदत व्यवहार खत्म हो जाते है और वह अब प्रौढ़ बड़े व्यक्ति जैसा आगे बढने लगता है उनके जैसा व्यवहार आदते करने लगेगा वह यह समझ जाएगा की अब मैं बड़ा हो गया हूँ  
  • साम्वेगिक अस्थिरता की अवस्था है - किशोर बालक हमेशा अस्थिर रहेगा कभी वो बहुत खुश हो जाएगा कभी अचानक रोने लगेगा वे बहुत असहाय व् भावुक रहते है यह सब हारमोन परिवर्तन है  

  • कामुकता जागरण की अवस्था -
    attraction time 
    किशोर की शारीरिक वृध्दि एवं हारमोन परिवर्तन की वजह यौन अंगो में परिपक्वता आने लगेगी और किशोर में कामेच्छा जागने लगेगी वे विपरीत लिंग के लिए आकर्षित होने लगेगे उनका यह आकर्षण सिर्फ दैहिक ही होता है जरूरत है सही दिशा निर्देश दी जाए नहीं तो वे भ्रमित हो जाएगे और गलत कार्य ना करे
     

  • एक संक्रामक काल - किशोर कन्फ्यूज ,अस्थिर ,अनिश्चित ,अस्पष्ट एवं भावुक होता है यह स्थिति बहुत गम्भीर होती है  उसे ना तो बालक कहा जाता है ना व्यस्क वह इन दोनों में उलझा और पिस्ता रहता है  

  • समस्याओं की अवस्था -
    teen problem 
    किशोरों के सामने एक,दो,तीन,चार नहीं समस्याओं का भंडार होता है इस समय किशोर स्वयं ही एक समस्या हो जाता है क्योकि उसके अंदर ही अंदर जिज्ञासा, आशंका,कन्फ्यूज,अनिश्चितता व् उद्द्ग्निता,चिंता,चिडचिडापन,निराशा का सैलाब उमड़ता रहता है
     

  • कल्पना की अवस्था -
    एक किशोर अपना ज्यादतर वक्त अपनी कल्पना में सैर करते हुए बिताते है इसके नायक वे स्वय होते है कल्पनाओं में जीन के कारण ही वे शांत और अन्तर्मुखी हो जाते है  वे अपनी जीवन की परेशानियों कठोरताओं से ग्रसित होकर कल्पनाओं के संसार का निर्माण करता है और कला ,साहित्य,नृत्य, गीत ,संगीत, चित्रकारी के माध्यम दबी हुई भावनाओं को प्रकट करता है अगर इनकी कलाओं को नया मोड़ दिया जाए तो वे लेखक,चित्रकार, नाटककार बन सकते है
     

  • वीर पूजा की अवस्था है - किशोर अपने विचारों और रूचि के अनुसार किसी नायक हीरो या नायिका हिरोइन को आदर्श मानकर उनका भक्त बन जाता है उनके जैसे आचरण करता है उनके जैसे पहनावे को अपनाने की कोशिश करता है  

  • समाजिकता की अवस्था -
    किशोर का सामाजिक दायरा फैल जाता है उनके मित्र ज्यादा हो जाते है माता -पिता के साथ कम मित्रो के साथ ज्यादा समय बिताते है उनकी मित्रता में सहानुभूति, सहिस्ष्णुता सहयोग ज्यादा देखा जाता है
      






    changes in interest 
  • रुचियों में बदलाव की अवस्था - इस समय किशोर की रुचियाँ बदल जायेगी उनके शारीरिक,मानसिक, सामाजिक रुचियों में विकास होने लगेगा शारीरिक रूप से वे अपने को चुस्त दुरस्त बनाएगाअच्छे कपड़े पहनेगा, खेल-कूद में रूचि रखने लगेगा,मनोरजन के साधन बढ़ा लेगा जैसा रेडियो, टीवी देखने देखने, तोस्तो के साथ घूमने जाने लगेगा कहानियां, उपन्यास पढ़ने में रूचि दिखाएगा नई बाइक की डिमांड करेगा तेज गीत सुनेगा किशोरियां गीत-संगीत,डांस,सिलाई-कढाई,बुनाई पसंद के खेलकूद में रूचि दिखाने लेगी आकर्षक कपड़े पहनने लगेगी पूजा पाठ में रूचि लगेगे मोबाइल ,आई पोड में गेम खेलने लगेगे

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