आत्माओं का खेल planchit

          
आत्माओं को बुलाने का खेल planchit 
                     हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो आत्मा का शरीर में अस्तित्व मानते हैं । यह मानते हैं की व्यक्ति के मरने के बाद शरीर से आत्मा निकल जाती है औऱ लोग उस व्यक्ति की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं । जितने भी सजीव है पेड़ - पौधे , जीव जंतु , बैक्टीरिया, वायरस सब मे आत्मा को मानते हैं । लेकिन वास्तव में शरीर में आत्मा नहीं होती है हमारा शरीर कोशिकाओं से बना है  लेकिन आत्मा की उपस्थिति को मानकर सारे भूत प्रेत, जादू टोना आत्मा की उपस्थिति में विश्वास करने के कारण होते हैं ।

                 
          ऐसे ही आत्मा को बुलाने का खेल जिसे plan chit कहते हैं मेरे पापा यह जानने के लिए यह कैसे होता है और इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण है यह खेल वे अपने पैतृक घर बैतूल में गर्मियों की छुट्टियों में अपने भाई विनय कोकाश और परिवार के एनी भाई बहनों के साथ खेलते थे 

           
बैतूल हमारा पुश्तैनी घर कोकास भवन १८५७ में बना 
                     वह 1976 की मई की गर्मियों का महीना था स्कूल की छुट्टियां हो चुकी थी रात को खाने खाने के बाद रात 10 बजे दिनेश काका के कमरे में सब इकट्ठे होकर ज़मीन में बैठ जाते थे दोनो भाई आमने सामने बैठ जाते थे ।

                 इस planchit खेल के एक कटोरी लेते थे औऱ चॉक से 3 सर्कल बनाते थे एक बड़ा , एक मंझला, एक छोटा सबसे छोटे सर्कल में कटोरी को बीच में रखते थे फिर वृताकार रूप में A से Z तक अक्षर लिखते थे औऱ छोटे सर्कल में 0 से 9 तक अंक लिखते थे । yes और no का काम Yऔऱ N अक्षर करते थे ।

               कटोरी को बीच के सर्कल में रखकर दो या तीन लोग बैठ जाते थे औऱ अपने दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली कटोरी पर रखकर किसी भी खास आत्मा का मन में ध्यान करते थे । जब कटोरी में वह आत्मा आ जाती थी तो थोड़ी देर बाद वह कटोरी हिलने लगती थी औऱ फिर एक व्यक्ति उस आत्मा से पूछता था की क्या आप आ गई है ? तो कटोरी Y की तरफ चली जाती थी ।
       जैसे कोई बच्चा उस आत्मा से पूछता था की मेरे परीक्षा में कितने प्रतिशत आएंगे अगर कटोरी अंगुलियां हटा देते तो कटोरी आगे नहीं सरकती थी कटोरी किसी भी 2 अंको पर चली जाती थी । जैसे 56 तो बच्चा समझ जाता था कि इस बार मेरे 56 प्रतिशत आएंगे ।
             ऐसे ही एक बार पापा के ताऊजी आये तो उन्होंने बच्चों को डांटा की तुम लोग क्या ये रात को बैठकर उधम मचाते रहते हो तो बच्चों ने कहा ताउजी दादा भैया हम लोग ना आत्मा बुलाकर उससे सवाल पूछते हैं तो ताउजी ने सबको डांट लगाई की जाओ जाकर चुपचाप सो जाओ कोई आत्मा वात्मा नहीं होती है । बच्चों ने कहा आप भी एक सवाल पूछकर देखिये उन्होंने पहला सवाल पूछा की मेरी कितनी शादी हुई है तो कटोरी 3 अंक पर चली गई ।तो ताउजी ने बोला ये तो सबको पता है की मेरी तीन शादियां हुई है ।
              ताउजी ने दूसरा सवाल किया अच्छा ये बताओ आज मैंने अपने खेत में बोरिंग के लिए कितने पैसे जमा किये हैं तो कटोरी पहले 1 पर फिर 2 पर फिर 2 बार 0,0 पर गई । ताउजी ने बोला 1200 बोले ठीक है इतना कहकर वे बाहर चले गए । 
        ताउजी के बाहर जाने के बाद पापा को उनके भैया बिन्नू भैया ने बताया की उनको पता था की दाद भैया ने कितने पैसे जमा किये हैं इसलिए कटोरी उन्हीं अंको पर गई । इसी तरह बच्चे सवाल पूछकर मनोरंजन किया करते थे की मेरी शादी कौन से सन में किसके साथ होगी , मैं कौन सी क्लास तक पढूंगा , कहाँ नौकरी मिलेगी वगैरह वगैरह । अंत में आत्मा को विदा करने के लिए पापा लोग शक्कर का भोग लगाते थे ।

            बस उसी साल पापा ने बैतूल में यह खेल खेला औऱ उसी साल होशंगाबाद में भी अपनी बुआ के घर पर खेल खेला । उसके बाद उनकी छुट्टियां खत्म हो गई ।

            उसके बाद पापा ने विज्ञान के शिक्षक से planchit के बारे मे बताया शरीर में कोई आत्मा नहीं होती है शरीर कोशिकाओं का बना होता है तो फिर सर कटोरी कैसे हिलती है तो सर ने बोला की कटोरी में अंगुली रखते ही उसमें अपने शरीर की सारी ऊर्जा चली जाती है जैसे ही कोई सवाल पूछता है सामने बैठे व्यक्ति को उस सवाल के बारे में पता होता है इसलिए वह कटोरी को अपनी मर्जी से आगे सरकाता है ।

            इसमें भौतिक विज्ञान के गति औऱ ऊर्जा का नियम काम करता है औऱ जो कटोरी में बल लगता है उसको centrifugal force कहा जाता है । हालांकि बच्चे लोग मजेदार सवाल पूछते थे की मान लो की आत्मा अनपढ़ है उसे अंग्रेजी , हिंदी नहीं आती तो वह अक्षरों या अंको पर कैसे जाएंगी ।
      बाद में पापा जब वापस छुट्टीयों में बैतूल गये तो उन्होंने सबको बताया की कोई आत्मा वात्मा नहीं होती है तो सबने यह खेल खेलना बन्द कर दिया जैसा टीवी सिनेमा में आत्मा को बुलाने का खेल दिखाया जाता है वैसे हकीकत में नहीं होता है ।

मिसेज आत्मा के बारे में कुछ सवालों के साथ फिर मिलते हैं ।