हमारा यह अधिकार है की सभी अपने संविधान के बारे में
जानकारी ग्रहण करे की हमारा एक संविधान है पर यह कब बना कब से संविधान लागू हुआ
किसने बनाया यह सब ही बातें जानना बहुत जरूरी है ।
किसी देश का संविधान उस देश की पहचान होता है. संविधान
एक ऐसा रास्ता होता है जिस पर चलकर एक देश सुख – समृद्धि
और विकास की तरफ बढ़ता है. हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता की लम्बी लड़ाई के बाद आजाद हुआ था. उस समय तक हमारे देश पर
अंग्रेजो का अधिकार था और जैसा वो चाहते थे वैसा ही हमारा देश बढ़ रहा था ।
देश आजाद होने के बाद हमारे देश के स्वतंत्रता
सेनानियों और राजनेताओ ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए
संविधान बनाने का निर्णय लिया. डॉ राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में डॉ भीमराव
आंबेडकर और अन्य महान विचारकों ने आज ही के दिन 26 नवम्बर 1949 को पूरे 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद पूरा संविधान लिख दिया. आइये जाने हम अपने संविधान सभा के बारे
में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ -
- कैबिनेट
मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान
सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया ।
- भारतीय संविधान
का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में किया था ।
- भारतीय संविधान
की प्रस्तावना के अनुसार भारतीय संविधान एक सम्प्रुभतासम्पन्न', समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है।
- भारतीय संविधान
के प्रस्तावना के अनुसार भारत संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन योजना के
प्रावधानों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों का विधान सभाओं ने नवम्बर
१९४६ में किया था ।
- संविधान सभा में
कुल ३८९ सदस्य थे जिनमें २९२ प्रान्तों से और ९३ देशी रियासतों के प्रतिनिधि चुने जाने थे ,
4 कमिश्नरी क्षेत्रों प्रतिनिधि थे हर प्रांत और देसही रियासत को अपनी जनसंख्या के अनुपात में स्थान
आबंटित किए गए थे स्थूल रूप से 10 लाख की
जनसंख्या के लिए एक स्थान का अनुपात रखा गया था प्रत्येक प्रांत के स्थानों
की जनसंख्या के अनुपात में तीन मुख्य सम्प्रदायों
में बाँटा गया था ।
- मिशन
योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई० में संविधान सभा
का चुनाव हुआ. कुल 389 सदस्यों में से
प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के
लिय चुनाव हुए. इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम
लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए ।
- भारतीय संविधान
पूरा हस्त लिखित है इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था ।
- भारतीय संविधान
को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था और इन पन्नों को सजाने का काम
शांतिनिकेतन के कलाकारों ने किया था ।
- संविधान की
ओरिजनल प्रतियाँ आज भी भारत के संसद में है. जहाँ इसे हीलियम के अंदर डाल कर
लाइब्रेरी में रखा हुआ है ।
- हैदराबाद एक
ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में
सम्मिलित नहीं हुए थे ।
- संविधान सभा
के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी ।
- संविधान सभा
में महिला सदस्यों की संख्या 12 थी ।
- जब से हमारा
संविधान बना है तब से लेकर अब तक संविधान में सिर्फ 92 संविधान संशोधन हुए है जो हमारे संविधान की मजबूती को दर्शाता है ।
- प्रांतीय
विधान सभा में हर समुदाय के सदस्यों ने एकल संक्रामकणीय पध्दति से आनुपातिक
प्रतिनिधित्व के अनुसार अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया ।
465 धाराओं से युक्त 25 भाग,
12 अनुसूचियाँ,
5 अनुलग्नक (appendices), तथा
(अब तक 122 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाये गये है जिनमे से 101 संविधान संशोधन विधेयक पारित हो चुके है। 8 अगस्त 2016 को संसद ने वस्तु और सेवा कर (GST) पारित कर 101वा संविधान संशोधन किया।)
- देशी रियासतों
से चयन की पध्दति परामर्श से तय की जानी थी ।
- विभाजन के
परिणामस्वरूप जो संविधान सभा पूर्व में अविभाजित भारत के लिए संगठित की गई थी , उसमें कुछ सदस्य हम हो गए 3 जून १९४७
की योजना के अधीन विभाजन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के पृथक संविधान सभा गठित
की गई बंगाल , पंजाब ,आंद्र पशिमोतर सीमा प्रांत (NWFP और असम
के सिलहट जिले के प्रतिनिधित्व भारत की संविधान सभा के सदस्य नही रहे पश्चिम
बंगाल और पूर्वी पंजाब के प्रान्तों में नए निर्वाचन किए गए 31 अक्टूबर १९४७
को सभा की सदस्यता घटकर २९९ रह गई इन सदस्यों में से 26 नवम्बर १९४९ को कुल
२८४ सदस्य उपस्थित थे जिन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर किए ।
- संविधान सभा
की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर १९४६ को हुई थी को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के
पुस्तकालय भवन में हुई. सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को
सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया. मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया और
पाकिस्तान के लिए बिलकुल अलग संविधान सभा की मांग प्रारम्भ कर दी ।
- पहली बैठक की
अध्यक्षता डॉ . सच्चिदानन्द सिन्हा ने की थी और मुस्लिम लीग ने इसका बहिस्कार
किया था ।
- 11 दिसम्बर
१९४६ को डॉ . राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया ।
- श्री.बी.एन
राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया ।
- संविधान सभा की
कार्यवाही 13 दिसम्बर १९४६ को जवाहर लाल
नेहरु ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का
कार्य करना प्रारम्भ किया ।
- 22 जनवरी, 1947 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव की
स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त
कीं. इनमे प्रमुख थी- वार्ता समिति, संघ संविधान
समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति ।
- संविधान बनाने
के लिए विभिन्न समितियां जैसे प्रक्रिया समिति , वार्ता समिति , संचालन समिति , कार्य समिति , झंडा समिति , संविधान समिति को बनाया ।
- विभिन्न
समितियों में से प्रमुख प्रारूप समिति जो 29 अगस्त १९४७ को गठित की गई थी के अध्यक्ष डॉ , बी .आर अम्बेडकर को बनाया गया इस समिति के और भी सदस्य थे एन .गोपाल
स्वामी आयंगर ,अल्ल्ल्दी कृष्णा स्वामी अय्यर , मोहम्मद सादुल्ला के .एन.मुंशी , बी
.एल ,मित्तर और दी.पी खेतान कुछ समय बाद बी.एल
मित्तर की जगह पर एन.माधव राव को और डी.पी खेतान की मृत्यु १९४८ में हो जाने
के बाद टी.टी कृष्णामाचारी को इस समिति में जोड़ लिया गया ।
- 3 जून,
1947 ई. की योजना के अनुसार देश का बंटवारा हो जाने पर
भारतीय संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 नियत
की गई, जिसमें 235 स्थान प्रांतों के लिय और 89 स्थान
देसी राज्यों के लिए थे ।
- देश-विभाजन के
बाद संविधान सभा का पुनर्गठन 31 अक्टूबर,
1947 ई. को किया गया और 31 दिसंबर 1947 ई. को संविधान सभा के
सदस्यों की कुल संख्या 299 थीं, जिसमें प्रांतीय सदस्यों कीसंख्या एवं देसी रियासतों के सदस्यों की
संख्या 70 थी ।
- प्रारूप
समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद 21 फरवरी, 1948 ई. को संविधान सभो को अपनी
रिपोर्ट पेश की ।
- संविधान सभा
में संविधान का प्रथम वाचन 4 नवंबर से 9 नवंबर, 1948 ई. तक चला. संविधान पर दूसरा
वाचन 15 नवंबर 1948 ई० को प्रारम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर, 1949 ई० तक चला. संविधान सभा में
संविधान का तीसरा वाचन 14 नवंबर,
1949 ई० को प्रारम्भ हुआ जो 26 नवंबर 1949 ई० तक चला और संविधान सभा
द्वारा संविधान को पारित कर दिया गया. इस समय संविधान सभा के 284 सदस्य उपस्थित थे ।
- संविधान
निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष,
11 महीना और 18 दिन लगे.
इस कार्य पर लगभग 6.4 करोड़ रुपये खर्च हुए.
- संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई ।
- संविधान को जब 26 नवंबर, 1949 ई० को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया, तब इसमें कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं. वर्तमान समय में संविधान में 25 भाग, 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं ।
- संविधान के
कुछ अनुच्छेदों में से 15 अर्थात 5,
6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवंबर,
1949 ई० को ही परिवर्तित कर दिया गया; जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी,
1950 ई० को लागू किया गया ।
- संविधान सभा की
अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई० को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को
भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया ।
- कैबिनेट मिशन
के सदस्य सर स्टेफोर्ड क्रिप्स, लार्ड पेंथिक
लारेंस तथा ए० बी० एलेक्ज़ेंडर थे ।
- संविधान
सभा की बैठक तृतीय वहन के लिए 14 नवम्बर
१९४९ को हुई यह बैठक 26 नवम्बर १९४९ को
समाप्त हुई ।
- 26 नवम्बर
१९४९ को ही अंतिम पारित संविधान पर स्भाप्री और उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर
हुए इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया ।
- नागरिकता ,निर्वाचन और अंतिरम संसद से सम्बन्धित १९४९ से ही तुरंत प्रभावी किया
गया ।
- संविधान पर
संविधान सभा के सदस्यों द्वारा 24 जनवरी १९५० को
संविधान सभा के अंतिम रूप से हस्ताक्षर किए गए ।
- सम्पूर्ण
संविधान 26 जनवरी १९५० को लागू किया गया 26 जनवरी १९५० को भारत को गणतन्त्र घोषित किया गया इसलिए यही दिन प्रथम
गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया गया डॉ राजेन्द् प्रसाद को भारत का पहला
राष्टपति नियुक्त किया गया संविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय
संसद के रूप में मान्यता प्रदान ली गई ।
- संविधान सभा को
कुछ विद्वान सम्प्रभु नहीं मानते क्योंकि इसका निर्माण ब्रिटिश सरकार की
योजनानुसार हुआ था ।
- संविधान
निर्माण के पीछे मुख्य रूप से जवाहरलाल नेहरु , सरदार वल्लभ भाई पटेल , राजेन्द्र
प्रसाद , मौलाना अब्दुल कलाम आजाद , आचार्य जे.बी कृष्णामचारी और डॉ .बी आर . आंबेडकर का मस्तिष्क था कुछ
प्रमुख व्यक्तियों ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को संविधान का पिता कहा है ।
- भारतीय
संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है ।
- भारतीय संविधान द्वारा देश के नागरिको को 6 मौलिक अधिकार दिए गये है ।
- अबाइड विथ मी
गाने को गणतन्त्र
दिवस की परेड में बजाया जाता है ।
संविधान के अनुसार -
सभी को गणतन्त्र
दिवस की शुभकामनाएं !
4 टिप्पणियाँ:
बहुत अच्छी उपयोगी सामयिक जानकारी
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
जी कविता जी
यह बहुत आवश्यक है की हम हमारे संविधान की छोटी छोटी जानकारियों से अवगत हो की हमारा संविधान कैसे बना , कितने लोगों के प्रयासों से बना । आदि जानकारियां
सादर धन्यवाद आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (27-01-2018) को "शुभकामनाएँ आज के लिये" (चर्चा अंक-2861) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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गणतन्त्र दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
bahut hi acchi tarah likha sir...
https://www.thegurugyaan.com/2019/11/yoga-asans-for-beginners.html
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