मित्रों आज बंसत पंचमी का त्यौहार है यह प्रकृति के उत्सव का , नए - नए सृजन का
मौसम , फूलों के खिलने का और त्योहारों का मौसम है, इस प्रकार यह बहुत सी खुशियाँ और आनंद के
आने का मौसम बसंत ।
बसंत पंचमी
के अवसर पर मेरी कविता पढ़िए !
देखो देखो माघ
के बसन्त
का मौसम
आया है ।
प्रकृति के तोहफे का मौसम आया
है ।
नये आनन्द का मौसम आया
है ।
ना सर्दी ना गर्मी का खुशनुमा मौसम
आया है ।
नई राहत का मौसम आया
है ।
नये जीवन को जीने का मौसम आया
है ।
नए उमंग उल्लास
का मौसम
आया है ।
नये रंग का मौसम आया है ।
नये रंग का मौसम आया है ।
हरी भरी ताज़गी
का मौसम
आया है ।
चारों तरफ
हरी भरी
हरियाली का मौसम आया
है ।
खुशहाली का मौसम आया
है ।
भीनी भीनी ठंडक
का आया
है ।
फूलों के खिलने का मौसम आया
है ।
पतझड़ के जाने
का आया
है ।
पेड़ों पर नई पत्तियों के आने
का मौसम
आया है ।
बाग में नई बहार आने
का मौसम
आया है ।
फूलों की खुशबू उड़ने
का मौसम
आया है ।
हंसने का खिलखिलाने का मौसम आया
है ।
रंगबिरंगी पतंग के उड़ने का मौसम आया है ।
रंगबिरंगी पतंग के उड़ने का मौसम आया है ।
प्रकृति की सुंदरता का मौसम आया
है
वसन्त के मेले का मौसम आया
है ।
प्रकृति के आनंद का मौसम आया
है ।
पीली-पीली सरसों के उगने का मौसम आया है ।
सबको नींद से जगाने का मौसम आया
है ।
फूल तरोताजा और रंगीन होने
का मौसम
आया है ।
नई फसल उगने
की खुशी
का मौसम
आया है ।
पेड़ पौधों के नये रूप
का मौसम
आया है ।
नई नई धूप
का मौसम
आया है ।
धरती के सोलह सिंगार
का मौसम
आया है ।
चारों ओर बसन्त के प्रेम का मौसम आया
है ।
नई ठंडक का मौसम आया
है ।
नदियों के कलकल बहने
का मौसम
आया है ।
कोयल के मधुर
मधुर गाने
का आया
है ।
जीवन के नये
त्योहार का मौसम आया
है ।
मन में नये
विचार के आने का मौसम आया
है ।
दिन के आराम
का रात
के सुहानेपन का मौसम
आया है ।
चिड़ियों की चहचाहने का मौसम आया
है ।
तितली के फूल पर मंडराने का मौसम का आया है ।
आसमान के नीले होने
का आया
मौसम आया
है ।
ऋतु के मस्ताने का मौसम
आया है ।
मस्ती
में झूमने का मौसम आया है ।
साथी से फिर
मिलने का मौसम आया
है ।
मन के बसंती होने का मौसम आया है ।
देखो देखो माघ
के बसन्त
का मौसम
आया है ।
8 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (24-01-2018) को "महके है दिन रैन" (चर्चा अंक-2858) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद अरुण जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
धन्यवाद प्रतिभा जी
बहुत सुन्दर बासन्ती छटा देखते ही बनती है
जी कविता जी सही कहा आपने
मौसम बस बसंत का नहीं है
मन भी बासंती हो जाता है !
अच्छा लिख रही हो।
धन्यवाद खुदैजा जी
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