लोग याद करते है मगर उस देश से चिट्ठियाँ भी अब नहीं आती है

     
      आज हमारे गज़ल गायक जगजीत सिंह का जन्मदिन है उनका संगीत उनकी आवाज़ ही अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है आज वो इस दुनिया में नहीं है पर उनकी आवाज आज जिंदा है यही तो बात है एक गायक दुनिया से अलविदा हो जाता है मगर अपना संगीत लोगों के बीच जिंदा छोड़ जाता है कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायिकी के चलते मील का पत्थर साबित हो चुके जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को बीकानेर के श्रीगंगानगर में हुआ था. 10 अक्टूबर 2011 को जगजीत सिंह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. भले ही जगजीत सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सदाबहार आवाज में गायी गईं गजलें आज भी लोगों के मन में ताजा हैं.

     आपने जब कभी अपने जीवन में किसी से पहली बार मुहब्बत की होगी, तो वो आपके दिल की आवाज बना होंगे जब पहली बार आपका दिल टूटा होगा, तो उसकी आवाज ने आपका दिल बहलाया होगा. जब आप लंबे सफर पर चले होंगे, तो उस आवाज ने आपकी तन्हाई बांटी होगी. मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह ऐसी ही मखमली आवाज के जादूगर थे.

     मैं भी कभी-कभी उनके कुछ गीत गज़ल सुनती हूँ वैसे उतना शौक नहीं है दर्द भरे गीत सुनने का पर जगजीत सिंह जी के गीत गज़लो से तन्हाई दूर हो जाती है बॉलीवुड में जगजीत सिंह का नाम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी गजल गायकी से लगभग चार दशक तक गजल के दीवानों के दिल पर अमिट छाप छोड़ी। 

     जगजीत सिंह ने अपने गायकी के करियर में करीब 150 से ज्यादा एल्बम बनाई हैं लेकिन 10 अक्टूबर 2011 में लोगों के दिलों पर राज करने वाली ये आवाज शांत हो गई। साल 2003 में जगजीत सिंह को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

मेरी पसंद की कुछ गीत आज भी जगजीत सिंह की कभी तन्हाई में कभी इश्क में याद दिलाते है -

चिट्टी ना कोई संदेश ( दुश्मन ) 
चिट्ठी ना कोई सन्देश
जाने वो कौन सा देश
जहाँ तुम चले गए 
इस दिल पे लगा के ठेस
जाने वो...





प्रेम गीत (होठों से छू लो तुम)

होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो



                                                                                                                                                                                                                                                  होशवालों को खबर (सरफरोश )

हूं हा हा हा हा हा हा
होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
होश वालों को ...


                                                                                     झुकी झुकी सी नजर ( अर्थ )
झुकी झुकी सी नज़र बेक़रार है कि नहीं 
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं ... 

                                                                                   तुमको देखा तो ख्याल आया ( साथ साथ ) 
तुम को देखा तो ये ख़याल आया
ज़िंदगी धूप तुम घना साया
तुम को...


                                                                                                                 मेरे जैसे बन जाओगे  ( Ecstasies
मेरे जैसे बन जाओगेजब इश्क तुम्हें हो जाये
दीवारों से सर टकराओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,


                                                                                    तेरे आने की जब खबर ( सहर )
तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुशबू से सारा घर महके




                                                                                             तुम जो इतना मुस्कुरा (अर्थ)
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना...



                                                                                           वो कागज़ की कश्ती (आज )
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी


                                                                                   ये तेरा घर ये मेरा घर ( साथ साथ ) 
ये तेरा घर ये मेरा घर किसी को देखना हो गर
तो पहले आ के माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र
ये तेरा घर ये मेरा घर
ये घर बहुत हसीन है   ...


 कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते-जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर साँस रुकी हो जैसे
                                                               कोई फ़रियाद ( तुम बिन )


3 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (10-02-2018) को "चोरों से कैसे करें, अपना यहाँ बचाव" (चर्चा अंक-2875) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Alaknanda Singh ने कहा…

पूरा का पूरा कलैक्‍शन बढ़िया है...शिद्दत से चाहे गए गजलगायक जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि

कोपल कोकास ने कहा…

धन्यवाद अलकनंदा जी

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