कौन सी चॉकलेट है बेस्ट सेहत के लिए

साथियों हम सभी को चॉकलेट्स बहुत पसंद होती है कुछ चॉकलेट्स आपके दिल को सेहतमंद रखने में मददगार हैं तो कुछ हानिकारक। जरूरी नहीं है जो चीज़ हमें दिख रही है कि वो हमारी सेहत के लिए अच्छी होगी नहीं कुछ चीज़े नुकसान भी पहुंचा देती है । इसलिए जरूरी है आप अपनी सेहत के लिए सही चॉकलेट्स का चुनाव, ताकि किसी भी तरह से आप की सेहत पर गलत असर ना हो ।


कभी दीवाली पर तोहफे के तौर पर दोस्तों और परिवारवाले दे देते हैं इसके बाद अब शादियों के मौसम में भी लोग निमंत्रण पत्र के साथ मिठाई या ड्राई फ्रूट्स की बजाय चॉकलेट्स देने लगे हैं। तो क्या त्योहारों और चॉकलेट्स का साथ अच्छा है? क्या आपको चिंता है कि चॉकलेट्स सेहत के लिए नुकसानदायक है। तो मैं आपको बताना चाहूंगी कि कुछ चॉकलेट्स आपके दिल को सेहतमंद रखने में मददगार है लेकिन जैसा कि खाने के साथ होता है कि कुछ सेहतमंद होते हैं तो कुछ हानिकारक, ठीक वैसे ही बस आपको सही चॉकलेट्स चुनने की जरूरत है।


क्या है अच्छाई?

दरअसल चॉकलेट में पाई जाने वाली फ्लेवोनॉयड ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। बल्कि अनुसंधानों की माने तो डार्क चॉकलेट्स में पाया जाने वाला फ्लेवोनॉयड (इसमें प्रोसायनाइडंस, एपीकेचिनंस और केटेकाइंस) में अन्य आहारों के मुकाबले बहुत प्रभावी एंटीऑक्साइड्स है। अब आप यह जरूर जानना चाहते होंगे कि चॉकलेट्स कैसे दिल को सेहतमंद रखती है? तो फ्लेवोनॉयड्स आर्टरी की सतही कोशिकाओं (जो हृदय में शामिल होती है) यानिकि एंडोथीलियम की कार्यक्षमता में सुधार करती है। यह आर्टरी में बनने वाले प्लेक को हटाने में मदद करती है और हाई ब्लड प्रेशर से सुरक्षित करती है। तो हम यह कह सकते है कि यह खून के प्लेटलेट्स को आपस में जुड़कर गांठ बनाने से रोकते है और हमारी आर्टरी को स्वस्थ रखते है। रिसर्च से यह भी पता चलता है कि कोको में पाया जाने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड (एनओ) हमारे शरीर में सेहतमंद रक्तप्रवाह और ब्लड प्रेशर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा चॉकलेट्स में फिनोलिक्स होता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। कुछ रिपोर्टों की माने तो चॉकलेट में पाए जाने वाले ये पदार्थ कैंसर के रिस्क को भी कम करते हैं।



 रहें सावधान

चॉकलेट्स में फैट और चीनी बहुत ज्यादा होती है लेकिन चॉकलेट में फैट के प्रकार पर निर्भर करता है, हो सकता है कि यह आपकी आर्टरी पर ज्यादा सख्त न हों। वैसे तो अच्छी क्वालिटी के चॉकलेट कोको बटर (यह स्वस्थ हृदय फैट है जो कुल और एलडीएल कोलेस्ट्रोल कम दिखाता है) से बनते है। पर यह भी याद रखें कि सभी चॉकलेट कोको बटर से नहीं बनते तो खरीदते समय यह पढऩा बिल्कुल न भूलें। माना कि चॉकलेट सेहत के लिए अच्छे होते हैं लेकिन इसे नियंत्रित तरीके से ही खाए। एक बार या एक दिन में 100 कैलोरी से ज्यादा डॉर्क चॉकलेट न खाए कुछ लोगों की आदत है उन्हें चॉकलेट बहुत पसंद होती है और वे बिना कंट्रोल किये खाते हैं औऱ फिर उनको मोटापा बढ़ने, दिल की बीमारियों , फैट बढ़ने की परेशानी हो जाती है । इसलिए ध्यान से खाइए ।


स्मार्ट बनें

आप कोको बटर का इस्तेमाल हॉट चॉकलेट बनाने में भी कर सकते है। इससे आपको गर्म चॉकलेट और कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बहुत ज्यादा मात्रा में मिल जाएगी क्योंकि गर्मी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट रिलीज़ करने का ट्रिगर है।


 कौन सी चॉकलेट सेहत के लिए बेस्ट

यह याद रखिए कि डार्क ज्यादा बेहतर है बल्कि प्लेन डॉर्क चॉकलेट में भी 70 फीसदी या इससे ज्यादा कोको सॉलिड होते हैं और यह सबसे बेहतर तरीका है, बिना ज्यादा चीनी और सैचुरेटेड फैट खाएं, चॉकलेट खाकर संतुष्ट होना। तो अब आप अपने दोस्तों और परिजनों को गिफ्ट दें लेकिन साथ में यह भी ध्यान रखें कि सीमित खाना बहुत जरूरी है ।

अगर आपको चॉकलेट खाना भी है तो एक टुकड़े से ज्यादा ना खाएं क्योंकि यह आपके फैट बढ़ाने के साथ साथ आपके दांतों को भी खराब कर सकता है । खाने के बाद अच्छे से ब्रश कीजिए । बच्चों को शुरू से ही चॉकलेट ना ही दे ये उनके आने वाले भविष्य के लिए अच्छा होगा ।

6 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-02-2017) को "कुन्दन सा है रूप" (चर्चा अंक-2884) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

कविता रावत ने कहा…

बच्चे मानते कहाँ है बड़ी से बड़ी चॉकलेट की डिमांड करते हैं नहीं तो अपने को रिमांड पर लेते उन्हें देर नहीं लगती
अच्छी उपयोगी जानकारी

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कोई भी नहीं

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कविता जी, अन्यथा ना लें, गलती कहीं ना कहीं हमारी भी होती है ! आदत हम बड़े ही डालते हैं !

कोपल कोकास ने कहा…

यही तो बात है कविता जी माता पिता का लाड़ बच्चों को सिर्फ अच्छा नहीं बनाता बल्कि कभी कभी वहीं लाड़ उनकी जिंदगी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है ।

जो बाद में उन्हें मोटापा , दाँत की बीमारी औऱ अन्य बीमारियों का घर बना देता है।

जरूरत है कि माता पिता उनकी ज़िद को ना सुने औऱ सख्ती से इंकार करे देने के लिए क्योंकि वो बच्चों को मिठास नहीं बल्कि ज़हर दे रहे हैं । सख्ती से तो इस बात के लिए पेश आना ही होगा ।

मैंने तो सोच लिया है जब कभी भी विवाह के बाद मेरी संताने होगी मैं उन्हें चॉकलेट का जहर तो नहीं खाने दूंगी भले ही वे कितनी भी ज़िद करे ।
बच्चों को अच्छी ज़िंदगी देने का सोचते हैं और देते क्या है बीमारियां ।
बच्चों का जीवन बचाइए।

कोपल कोकास ने कहा…

गगन जी आपने बिल्कुल सही कहा गलती बच्चों की नहीं माता पिता के लाड़ की भी होती है
मजबूर जरूर है पर अगर वे शुरुआत से सख्ती करे तो हो सकता है बच्चे बीमारी का घर नहीं बन पाएंगे ।

बिल्कुल आदत बड़े ही डालते ध्यान देना जरूरी है
क्योंकि जब बच्चा बीमार हो जाता है उसे कुछ हो जाती है परेशानी बड़े उसके बाद सतर्क होते हैं बच्चे को डांटते है रोकते हैं तब क्या फायदा ।

पहले ही रोके ना जब बच्चा ज़िद करता है तब नहीं मतलब नहीं ।

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