छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा

छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा
आज मैं आपको  छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा बनाने की विधि रही हूँ इ फरा को घर में बचे पके हुए चावल (भात) से बनाया जाता है। मैंने यह छत्तीसगढ़ी फरा अहिवारा के स्कूल के एक कार्यक्रम में खाया था मुझे यह बहुत पसंद आया इसलिए सोचा इसे डिश को सबके साथ शेयर किया जाएं यह डिश बनाना आसान है
हमारा छत्तीसगढ़ धन का कटोरा है। यहाँ चावल की कई तरहप्रजाति उगाई जाती है। उसी तरह यहाँ चावल को कई तरह की डिश बनाकर खायी जाती है।

फरा दो तरह से बनाया जाता है गाँवों में जब गन्ने की परोई होती है तब ताजे रस को गर्म करने रखा जाता है चावल के आते को गर्म पानी से गूंथकर हथेली से पतली बाटी की तरह बनाकर रखते है उबलते रस में फर को डालकर पकाते है पक जाए तब इलायची डालते है गन्ने का रस ना हो गुड के घोले से फरा बनाते है यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है ।
दूसरा प्रकार का फरा नूनहा फरा बनाते समय आटे में नमक डालकर गूंथते है फिर हथेली से छोटी छोटी लोई बर बर कर फरा बनाया जाता है भगोने में पानी उबालने के लिए रखा जाता है उस पर चलनी रखते है उबल जाने पर चलनी में फर रखकर ढंक देते है दस मिनट बाफ फरा भाप में पक जाता है एक कड़ाही में तेल डालकर सरसों और मिर्च की बघार लगाकर फरा पर दाल देते है और फरा खाने के लिए तैयार हो जाता है ।
  फरा बनाने के लिए सामग्री 
1. उबला चावल (भात) - 1 कटोरी
2. चावल का आटा - 2 कटोरी
3. खड़ा तिल - 2 चम्मच
4. खड़ा लाल मिर्च - 1-2 कलियाँ
5. मीठी पत्ती - थोडा सा
6.हरी मिर्च -4
8.धनिया पत्ती - 1/2 छोटी कटोरी कटी हुई
10.राई - 1/2 छोटा चम्मच
11. करी पत्ता - 8 से 10
12. नमक - स्वादानुसार
13. तेल - तलने के लिए
फरा बनाने की विधि 

1. सबसे पहले भात और चावल आटे को पानी मिलाकर गूंध ले। 


2.अब इस गूंधे हुए आटे की छोटी छोटी लोई लेकर उसे पतली बत्ती की तरह बना ले। 


3. अब एक कढ़ाई में तेल गरम करे।


4. उसमे तिल, करी पत्ता और मिर्ची डालकर तड़का लगाए।
  
5. अब उसमे पानी (आवश्यकतानुसार उतना पानी डाले जितने में फरा डूब जाये) डाल दे। 
बनाये हुए फरे को उसमे डाल कर ढँक दे।


6. जब पानी सूखने लगे तो इसे हलके से चलाये ताकि ये चिपके नहीं।







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