रोज
मेरी पहचान बहुत सारे लोगों से होती है यह तो सच है जितने मुँह उतनी बाते सबके
अपने - अपने तर्क है कोई किसी समस्या में उलझा है तो कोई घर के कामों में उलझा है
कोई ये कहता है कि हमारे पास इतना टाइम नहीं होता कि हम घर से बाहर निकलकर डांस या
योग या और एक्सरसाइज करें वैसे ये सारे बहाने है दरअसल बात तो बस इतनी सी है कि
उनके पास टाइम तो बहुत है पर वे टाइम नहीं मैनेज कर पाते है ।
कोई ऑयली फ़ूड खा रहा है तो कोई मीठा , कोई बाहर
का खाना बस जब बात फिगर की अपने वजन को नियंत्रित करने की आती है आधे से ज्यादा
लोग बस इसी डर में आगे नहीं बढ़ते है कि मेहनत कौन करे अपने शरीर के लिए मेहनत तो
सिर्फ खुद को करनी है , बस थोड़ा सा समय निकालने की जरूरत है अपने शरीर के लिए थोड़ा
सी मेहनत तो जरूरी है थोड़ा सा खाने पर कंट्रोल सबसे बड़ा है अपनी इच्छाओं पर
कंट्रोल जिसने अपनी इच्छाओं पर कंट्रोल कर लिया उसने अपना स्वास्थ्य अच्छा बना
लिया ।
लेक्चर
तो हर कोई देता है पर हाथ और मेहनत तो सिर्फ आपकी है आप मेहनत करेंगे तो उसका फल
आप स्वयं चखेंगे अपनी सेहत को सही रखने के लिए आप कुछ भी कर सकते है साइकिलिंग
करना , योग ,जिमिग ,जुम्बा , या और कुछ सब आपके हाथ में है जिसमें एक बार इच्छा
जाग गई कि मुझे अपनी सेहत अच्छी बनानी है तो वह करके ही रहता है थोड़ा सा समय तो
निकालिए इतनी मेहनत कीजिए की आपका पसीना बताये कि आपकी मेहनत १०० % है ।
समय निकलता भी और
निकालना भी पड़ता है स्वयं के लिए
सेहत का राज यही है
मन में इच्छा रखिए और कुछ करिए
5 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-03-2017) को "नवसम्वतसर, मन में चाह जगाता है" (चर्चा अंक-2913) नव सम्वतसर की हार्दिक शुभकामनाएँ पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही कहा
sahi kaha
धन्यवाद ओंकार जी
धन्यवाद शशि जी
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