ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के

             
            प्रसार शिक्षा एक अनौपचारिक शिक्षा है जो ग्रामीण जनों को राष्ट्रीय साधनों से अपने प्रयास द्वारा अपने रहन-सहन के स्तर को ऊंचा उठाने की शिक्षा देती है ।
         
 
             प्रसार शिक्षा बहुआयामी शब्द है शिक्षा का प्रसार यह मानव समाज विशेषकर ग्रामीण समाज में रहने वाले लोगों को को शिक्षित एवं जागरूक बनाने की एक पध्दति है जो उन्ही की ज़रूरतों एवं समस्याओं पर निर्भर है 
 प्रसार शिक्षा शिक्षण की एक अनौपचारिक प्रक्रिया है जो शिक्षा पध्दति में शिक्षा देने वाले या शिक्षा के कार्य मे लगे हुए कर्मचारी , शिक्षक पूर्व निर्धारित क्षेत्रों में छात्रों के पास विभिन्न स्थानों पर जाकर शिक्षा का प्रचार -प्रसार करते हैं ।




         प्रसार शिक्षा का उद्देश्य -

1 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों को उनकी वर्तमान स्थिति के प्रति जागरूक करना है प्रसार शिक्षा उन्हें उनकी समस्याओं के विषय में बताती है औऱ उन्हें क्रियाशील गतिशील बनाकर बदलाव के लिए प्रेरित करती है ।
2 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों को स्वास्थ्य के विषय में जानकारी देती है बीमारियों के कारण , उनसे बचाव , टीकाकरण कब हो, डॉक्टरी सहायता कब ली जाए सारी बातों की जानकारी प्रसार शिक्षा के माध्यम से मिलती है ।
3 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों के लिए वैकल्पिक रोजगार हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर एवं लघु उद्योगों की व्यवस्था करती हैं ।
4 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों को स्वंय अपनी मदद के लिए प्रेरित करती है वे स्वयं अपनी समस्याओं का समाधान के लिए प्रयास करें इसके लिए उनका मार्गदर्शन करती है ।
5 प्रसार शिक्षा का उद्देश्य ग्रामीणों को पेयजल, सफाई, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना , टीकाकरण, उन्नत बीज, खाद आदि ।
6 नृत्य, नाटक, गायन,के माध्यम से विलुप्त हो रही संस्कृति के ज्ञान के साथ साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर से ग्रामीणों को परिचित कराती है ।
7 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों में कुरीतियों एवं पंरपराओं के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों द्वारा जागरूकता लाकर उन्हें दूर करने में सहायता देती है आगे बढ़ने में प्रेरित करती है ।
8 प्रसार शिक्षा ग्रामीणों को स्वंय अपनी मदद करने के अलावा दूसरों की मदद करने की शिक्षा देती है।



         प्रसार शिक्षण के साधन
1 खेत या घर ग्रामीणों से मिलना
2 कार्यालय में भेंट
3 समूह चर्चा
4 सामान्य सभा
5 अभियान
6 सामूहिक कार्य
7 परिपत्र
8 समाचार पत्र
9 ब्लैक बोर्ड
10 फोटोग्राफ
11 पोस्टर
12 फ्लैश कार्ड
13 प्रदर्शनी मेला
14 शिक्षण हेतु भ्रमण
15 रेडियो कार्यक्रम
16 टेप रिकॉर्डर
17 टेलीविजन
18 कठपुतली
19 फ़िल्मस
              प्रसार शिक्षा मानवीय व्यवहार पर आधारित शिक्षण पध्दति है जिसका उद्देश्य सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि उसके परिवार और सम्पूर्ण समाज का सर्वागीण विकास करना है ल आर्थिक रूप से समृद्ध होना प्रत्येक व्यक्ति की अभिलाषा होती हैं और इसी अभिप्रेरणा तथा स्थान पाने की इच्छा के कारण व्यक्ति कुछ न कुछ सीखने का प्रयास करता है । सीखने से उसके व्यवहार में परिवर्तन आते है धीरे धीरे यह व्यवहार व्यक्ति के व्यक्तित्व का अटूट हिस्सा बन जाते है । सीखने की क्रिया जीवनभर चलती रहती है ।

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