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मै कोपल कोकास |
मेरे लिए क्या हर व्यक्ति के लिए जिदंगी बहुत
खूबसूरत है जिदंगी एक किताब की तरह है जिसमें कई खूबसूरत पन्ने है । हर पन्ने को खुदा एक एक करके खोलेगा आपकी जिदंगी की किताब सें आप तो बस उन् पन्नों के खुलना इतंजार कीजिये और खूबसूरत लम्हे का लुत्फ उठाइये जिदंगी भी खूबसूरत है और हमारे रिश्तें भी हम चाहे किसी भी मुश्किल में
हो हमारे अपने और हमारे दोस्त ही काम आते है । इस सफर में कई मोड़ आते है चाहे वो
बचपन हो , जवानी , या बुढ़ापा जिदंगी का हर मोड़ खूबसूरत है ।
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मै और मेरी प्यारी दोस्त डौली |
इस जिदंगी में कई
मुश्किले आती है पर उन मुश्किलों के साथ उनका हल भी आता है एक व्यक्ति इसे कैसे
समझता है ये उसकी समझ पर निर्भर करता है । लोगों सवाल किया जाये कि वो कौन सी उमर
दोबारा जीना चाहेंगे हर व्यक्ति का जवाब होगा बचपन क्योंकि इस बचपन में ना जाने
कितनी शरारतें कितनी छूट , कितनी मस्ती भरी होती है । जो वापस नहीं आती है वैसे तो
हर उमर वापस नहीं आती ।
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मै और मेरी चाची श्वेता |
एक बार बीत गयी तो बस यादों में रह जाती है । चाहे वो कोई भी उमर हो वो अपनी
यादे दिल कैद कर ही जाती है । जिदंगी के
इन खूबसूरत लम्हों को नाजाने कितने लोगों के साथ बिताते है परिवार के साथ , स्कूल
के दोस्तों के साथ , दोस्तों के साथ , रिश्तेदारों के साथ , कई लोगों के साथ हर
लम्हा बेशकीमती होता है । जो लोग आपको बहुत अच्छे लगते है या जिनका साथ आपको बहुत
अच्छा लगता है वे लम्हे बस यादें नहीं होते है वे हमारे लिए बहुत खास होते है । ना
जाने कितने एहसास जगह बनाते जाते है रिश्तों की खूबसूरती बढ़्ती जाती है । जब आप
रिश्तों को खूबसूरत बनायेंगे तो उनके दिल में आपके एक खास जगह बन जायेगी ।
हम रिश्तों को बहुत मानते है पर कभी कभी हमारे लिए हमारे अपने ही हमें
पराये लगने लगते है ये तो व्यक्ति की सोच और हालात है जो उसे उसके अपनो से दूर
करती है रिश्तों में दूरी मत बढ़ाइये वरना इन रिश्तों की खूबसूरती कम हो जायेगी । व्यक्ति
किसी भी उमर का हो या किसी भी धर्म या किसी भी संस्कृति का हो सबका रिश्तो को
देखने का रिश्तों को जीने का नजरिया अलग अलग होता है। हर उमर ना जाने कितनी मस्ती भरी मिठास लाती है ।
बस आप उन रिश्तों में अपने प्यार की मिठास से अपने इन रिश्तों खूबसूरत बनाते जाइये
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मै मेरे मम्मी पापा |
हर रिश्ता और हर लम्हा बेशकीमती है मेरे लिए मेरे अपनो से बढ़्कर और क्या इस
खूबसूरत जिदंगी में कुछ नही । जिदंगी के प्यारे और खूबसूरत सफर में अभी कई मुकाम
आयेंगे बस आप इंतजार किजिये क्योंकि इंतजार का फल मीठा होता है । ज्यादा सोचिये मत
क्योंकि ज्यादा सोचना अच्छा नहीं होता है । जिदंगी के हर लम्हे को अपने रिश्तों के
साथ जी लीजिये । मै तो अपने रिश्तो को दिल से जीती और बहुत प्यार करती हूँ अपने
रिश्तों से अपनी जिदंगी से इससे बढ़्कर और जिदंगी में है और क्या इन रिश्तों के
सिवा पैसा , नाम , शोहरत भी रिश्तों के बाद ही आता है । रिश्तों में अपने प्यार की मिठास घोलते जाइये फिर देखिये जादू आपके रिश्ते और मीठे और खूबसूरत होते जायेगें । सलाम है मेरा इन खूबसूरर रिश्तों को ।
4 टिप्पणियाँ:
कोमल! तुम्हारा मन भी कोमल ही है।
रिश्तों का अपना रसायन शास्त्र होता है अर्थ शास्त्र भी ,सीमाएं भी होतीं है निभाव की .धैर्य की ,सहन शीलता की .
सुन्दर लेखन....
सादर...
रिश्तों के आपका यह समर्पण और समझ सदा बनी रहे...... हार्दिक शुभकामनायें
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