| show details Jun 2 (7 days ago) |
|
कोपल कोकास
फिर मालूम अजित अंकल का क्या जवाब आया॥? यह भी पढ लीजिये..
| show details Jun 3 (7 days ago) |
|
शुभाशीष...तुम्हारी चिट्ठी पाकर अच्छा लगा। तुमने अपना मेल आईडी बना लिया है यह बहुत अच्छी बात है। इस पर पहली चिट्ठी मुझे लिखी गई ये मेरे लिए गर्व की बात है
ये ज़माना तकनीक का है इसलिए अब ई-पत्र भेजे जाते हैं। मगर हमारी सभ्यता के विकास में पत्राचार का बड़ा महत्व रहा है। प्राचीनकाल से लेकर अभी कुछ वर्षों पूर्व तक संदेशवाहक यानी डाकिया बहुत महत्वपूर्ण होता था। उसका इंतजार बेसब्री से होता था। एक चिट्ठी जो आज इलेक्ट्रानिक संकेत में बदल कर पलक झपकते कहीं से कहीं पहुंच जाती है, कुछ साल पहले तक उसके इंतजार के लिए शाम होते ही आधी दुनिया घर की चौखट पर खड़ी हो कर डाकिये की राह देखा करती थी। सो तुमने पत्राचार शुरु करने की पहल कर दी है,यह अच्छी बात है। ज्ञान की साझेदारी के विभिन्न माध्यमों में पत्राचार भी बहुत महत्वपूर्ण है।
चिट्ठियां अपने समय का जीवित इतिहास होती हैं। इन्हें सहेज कर इसीलिए रखा जाता है। आज जो इतिहास हम पढ़ते हैं उनमें न जाने कितना हिस्सा सिर्फ चिट्ठियों में लिखे गए तथ्यों पर आधारित है जो राजलेखागारों में सुरक्षित हैं। ये विभिन्न भाषाओं में लिखे गए थे और इन्हें पढ़ने-समझने में विद्वानों ने अपना कीमती समय लगाया ताकी आनेवाली पीढ़ियां अपना गुज़रा कल जान सकें और इस तरह अतीत की कड़ियों से जुड़ कर मज़बूत वर्तमान बन सके।
तुम सोच रही होगी कि मैने क्या व्याख्यान शुरु कर दिया। मेरी आदत ही ऐसी है। जहां मौका मिला, व्याख्यान शुरू। अध्यापक बनना चाहता था , पर बन गया पत्रकार क्योकि इसका अवसर जल्दी मिला। तुमने ब्लाग बनाया है, मगर खुला नहीं उसकी जगह एक चीनी साईट खुल रही है। उसका स्नैपशाट यहां दे रहा हूं। ब्लागिंग खुद को अभिव्यक्ति करने का अच्छा जरिया है। पत्राचार भी नियमित करो। हाय-हलो वाले आज के दौर के पत्राचार से हटकर इस विधा में लेखन की सार्थकता तलाश करोगी तो हमें खुशी होगी। पत्राचार भी साहित्यिक विधा है। मगर पाक कला की तरह इसे भी विधा न मान कर घर की मुर्गी समझा जाता है
सस्नेह
अजित
कितना अच्छा पत्र है ना ? आप सब एक दूसरे को पत्र लिखें मेरे पापा तो सब साहित्यकारों को पत्र लिखते हैं..वो भी पोस्ट्कार्ड उनकी एक पत्रों की किताब भी है।हाँ एक बात और यह टेम्प्लेट बदलने के चक्कर मे अंकल की प्यारी प्यारी फोटो गुम गई इसे फिर से लगा दीजिये ना अंकल और रावेन्द्रकुमार रावि अंकल आप भी,और बाकी अंकल भी.. आपकी कोपल
17 टिप्पणियाँ:
आखिर एक न एक दिन तो शुरूआत करनी ही पड़ती है। कोशिश करते रहें - सफलता अवश्य मिलेगी। शुभकामना।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सुंदर चिट्ठियों की चिट्ठी!
अच्छा लगा आपके पहले अनुभव को जानना।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
चिट्ठियाँ पढ़कर अच्छा लगा.
bahut achha laga
blog ka saundrya bhi aur post bhi
badhaai !
wah, bahut badhiya.
badhai aapko ki aap bhibloging me aa gain hai.
shubhkamnayein
Well done!!!
May Avatar Meher Baba Bless You
All the Best
Chandar Meher
avtarmeher.blogspot.com
lifemazedar.blogspot.com
trustmeher.blogspot.com
नन्ही कोंपल,
ये फ़र्स्ट ईयर का मतलब।
पहली क्लास में हो या किसी कोर्स या डिग्री का पहला साल।
लगता तो यही है कि आप पहली में ही हो, आखिर नन्ही जो ठहरी।
चलो ऐसा करो, समय को भी पत्र लिखो mainsamayhoon@gmail.com पर, फिर देखना कैसा मज़ा आता है, ये बडे लोग तो हमें बडा ही नहीं होने देंगे।
yad aa gye purane din. narayan narayan
achhi shuruaat hai..bole to good opening...
गागर में सागर
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
लिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
गार्गी
शानदार blog के लिये बधाई.शुभकामनायें.
bahut achchha blog hai ji
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
लगा जैसे एक नन्ही चिडिया फ़ुदक कर हमारे आंगन आ गई है और अपनी मिठी आवाज में गाना सुना रही है चिट्ठियों वाली!तुम्हारा ये बहुत सुंदर प्रयास है इसी तरह हमेशा आगे बढते रहना!तुम्हें ढेर सारी मिठी-मिठी शुभकामनाये!
EMI in Hindi
ISO Full Form
Leopard in Hindi
IRDA Full Form
NTPC Full Form
Mars in Hindi
Computer Ka Avishkar Kisne Kiya
Mobile Ka Aviskar Kisne Kiya
Tv Ka Avishkar Kisne Kiyai
एक टिप्पणी भेजें