tag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post2575677394635927408..comments2024-03-04T10:26:36.311+05:30Comments on नन्ही कोपल: दादा जी के नमकीन काजू वाली बिस्किटकोपल कोकासhttp://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-31848789701750968722018-03-06T14:30:15.024+05:302018-03-06T14:30:15.024+05:30अरे वाह बबिता जी बहुत अच्छा लगा धन्यवाद अरे वाह बबिता जी बहुत अच्छा लगा धन्यवाद कोपल कोकासhttps://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-53256844231838210222018-03-04T09:04:06.447+05:302018-03-04T09:04:06.447+05:30आपके इस संस्मरण ने बचपन की यादें ताजा कर दी । बचपन...आपके इस संस्मरण ने बचपन की यादें ताजा कर दी । बचपन में मैंने भी खूब काजू वाली बिस्किट खाई और उसे खिलाने की शुरुवात हमारे भी दादा - दादी जी ने की थी । Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01869871377750488133noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-27722638813064929062018-03-03T23:15:34.891+05:302018-03-03T23:15:34.891+05:30धन्यवाद आँटी जी
ये सब पुरानी यादें वे अनमोल खजाना...धन्यवाद आँटी जी <br />ये सब पुरानी यादें वे अनमोल खजाना है जो हमें उस समय से जोड़कर रखता हैकोपल कोकासhttps://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-44169017145728875492018-03-03T18:56:51.836+05:302018-03-03T18:56:51.836+05:30शादी के बाद 1971 में शायद अप्रैल-मार्च में जब हमार...शादी के बाद 1971 में शायद अप्रैल-मार्च में जब हमारा बड़ा बेटा 6-7 माह का था तब उसके दादाजी भी उसके लिये लाए थे तभी पहली बार हमने भी चखे। वाकई अच्छे लगते हैं।पर काजू सिर्फ शेप से थे। पर बहुत सुन्दर संस्मरणात्मक वर्णन।अपने पापा की तरह तुम्हारी शैली भी सरल वसहज हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16532806770702526396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-58602414596259433572018-03-03T18:56:15.727+05:302018-03-03T18:56:15.727+05:30शादी के बाद 1971 में शायद अप्रैल-मार्च में जब हमार...शादी के बाद 1971 में शायद अप्रैल-मार्च में जब हमारा बड़ा बेटा 6-7 माह का था तब उसके दादाजी भी उसके लिये लाए थे तभी पहली बार हमने भी चखे। वाकई अच्छे लगते हैं।पर काजू सिर्फ शेप से थे। पर बहुत सुन्दर संस्मरणात्मक वर्णन।अपने पापा की तरह तुम्हारी शैली भी सरल वसहज हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16532806770702526396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-14086193041355814982018-03-03T11:08:22.052+05:302018-03-03T11:08:22.052+05:30धन्यवाद अजीत जीधन्यवाद अजीत जीकोपल कोकासhttps://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-56861240198732212912018-03-03T10:24:42.122+05:302018-03-03T10:24:42.122+05:30अति सुंदरअति सुंदरAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16737180493882090068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-59778708480852843692018-03-01T20:00:13.906+05:302018-03-01T20:00:13.906+05:30शास्त्री जी मैं असमंजस में हूँ कि मेरी इस पोस्ट को...शास्त्री जी मैं असमंजस में हूँ कि मेरी इस पोस्ट को दो बार प्राकशित किया जाएगा चर्चामंच में <br />।<br />1 व 2 मार्च दोनों में से कब होगा । कोपल कोकासhttps://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-61524700372274307012018-03-01T19:57:46.712+05:302018-03-01T19:57:46.712+05:30धन्यवाद गगन जी धन्यवाद गगन जी कोपल कोकासhttps://www.blogger.com/profile/01917151189401334338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-88665087812490192512018-03-01T16:01:44.813+05:302018-03-01T16:01:44.813+05:30मजेदार संस्मरण !मजेदार संस्मरण !गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-36388732880153492772018-03-01T15:00:21.312+05:302018-03-01T15:00:21.312+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (0...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (02-03-2017) को <a href="javascript:void(0);" rel="nofollow"> "जला देना इस बार..." (चर्चा अंक-2897) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />रंगों के पर्व होलीकोत्सव की<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-58578779348269596242018-03-01T11:13:14.586+05:302018-03-01T11:13:14.586+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (0...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-03-2017) को <a href="javascript:void(0);" rel="nofollow"> "जला देना इस बार..." (चर्चा अंक-2897) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7131867711170332802.post-36140268441946851652018-02-28T18:52:54.096+05:302018-02-28T18:52:54.096+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 01.03.2018 को चर्चा मंच ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 01.03.2018 को चर्चा मंच पर <a href="https://charchamanch.blogspot.com/2018/03/2896.html" rel="nofollow"> चर्चा - 2896 </a> में दिया जाएगा <br /><br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.com